नई/दिल्लीरांची। प्रोमोशनल डायरेक्टोरेट आईआईएसई की टीम झारखंड के मुख्यमंत्री स्टालिन सोरेन की तलाश कर रही है। सोमवार को एडी की टीम के मुख्यमंत्री की तलाश में नई दिल्ली के शांति निकेतन ने अपने घर का निरीक्षण किया लेकिन वे अपने घर पर नहीं मिले। 27 जनवरी की शाम को मुख्यमंत्री विशेष विमान से दिल्ली आये थे। उनके पहले डॉक्टर का समन मिला था, जिसमें 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए रहने की सुविधा उपलब्ध होने की बात कही गई थी। इस समन के बाद ही वे अचानक दिल्ली के लिए आ गए थे।
सोमवार को मुख्यमंत्री की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से उन्हें सूचित किया गया कि उन्होंने 31 जनवरी को एक बजे के बाद ईमेल के माध्यम से संपर्क कर उपलब्ध कराया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि तैयारी के लिए पूछताछ की जा रही है, फिर भी मुख्यमंत्री के आवास पर आपत्तिजनक टिप्पणी और निंदा की जा रही है। बताया जा रहा है कि एचडी की टीम ने शांति निकेतन स्थित सीएम के आवास पर भी कब्जा कर लिया है। जमीन से जुड़े कथित घोटालेबाज में एचडी ने 10 बार मुख्यमंत्री को समन जारी किया है।
इससे पहले ईडी ने 20 जनवरी को धन शोधन सेफ्टी लॉ को मुख्यमंत्री के अधीन अपने आधिकारिक आवास पर दर्ज कराया था। टैब एडी ने बताया था कि उनका पूछताछ पूरी तरह से नहीं हुआ है इसलिए दोबारा से समन जारी किया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री रसेल सोरेन के दिल्ली आवास पर हुई एचडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह फर्जीवाड़ा चल रहा है कि सीएम लापता हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में तानाशाही का माहौल बनाकर राष्ट्रपति शासन स्थापित किया जा रहा है।
झारखंड लिबरेशन मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने डी.एच.डी. को ईमेल पर पूछताछ के लिए समय दिया है। 31 जनवरी को एक बजे सीएम की तैयारी के लिए पूछताछ। उन्होंने कहा- पीएचडी की कार्रवाई आलोकतांत्रिक है। इस बीच पीएचडी की कार्रवाई के विरोध में एमटीएम कार्यकर्ता रांची के मोरहाबादी इलाके में जमे हुए हैं और कैथोलिक तक मार्च करना चाहते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री आवास और राज्यपाल भवन के आसपास सुरक्षा व्यवस्था की व्यवस्था की गई है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय और सभी संगठन के महत्वपूर्ण नेताओं की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को कहा था कि अगर मुख्यमंत्री आज जवाब नहीं दे रहे हैं तो वे कल जवाब देंगे। एक अतिथि नागरिक के रूप में हमें आज्ञा माननी चाहिए। क़ानूनी व्यवस्था की स्थिति बहुत दस्तावेज़ी नहीं है। मैं ये बात कई बार आपसे बातचीत कर चुका हूं। कार्रवाई तो करनी ही होगी। इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री सोरेन के बारे में रविवार से ही किसी को जानकारी नहीं है कि वे कहां हैं। इस बात की भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी हो सकती है। इसे देखते हुए झारखंड में पुलिस की तलाश की जा रही है। सिपाहियों की छुट्टियाँ भी रद्द कर दी गईं।
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