पेयजल विभाग में गोलमाल, जलापूर्ति योजना का काम दिया
गढ़वा में करीब 133 करोड़ और बागबेड़ा में 52 करोड़ रुपये का दिया काम
-जीएसटी और वाणिज्य कर विभाग की प्रारंभिक जांच में हो चुकी है गड़बड़ियों की पुष्टि
Amit Singh
Ranchi : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के इंजीनियर शुद्ध पानी पिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे कर रहे हैं. कई ऐसी एजेंसियों को करोड़ों रुपये की जलापूर्ति योजनाओं का काम सौंपा गया है, जिनके दस्तावेज फर्जी हैं. राज्य जीएसटी एवं वाणिज्य कर विभाग की प्रारंभिक जांच में इन गड़बड़ियों की पुष्टि हो चुकी है. अब विस्तृत जांच के लिए ईडी और मुख्य सचिव से आग्रह किया गया है.
बता दें कि पेयजल विभाग से पिछले दिनों बोकारो की प्रीति इंटरप्राइजेज नामक कंपनी ने जल जीवन मिशन के तहत करीब 250 करोड़ रुपये का काम ले लिया है. इसमें गढ़वा की तीन और जमशेदपुर की एक जलापूर्ति योजना शामिल है. गढ़वा में कंपनी ने करीब 133 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना का काम लिया है. वहीं, जमशेदपुर के बागबेड़ा में 52 करोड़ की जलापूर्ति योजना का काम भी कंपनी कर रही है. 58 करोड़ रुपये की लागत वाली सोनुवा जलापूर्ति योजना का काम कंपनी ने पूरा कर लिया है. प्रीति इंटरप्राइजेज के इंजीनियर रूपेश कुमार सिंह ने बताया कि कंपनी बेहतर काम कर रही है. इसलिए कंपनी को लगातार काम मिल रहा है.
फर्जी क्रेडेंशियल सर्टिफिकेट पर मिला काम
प्रीति इंटरप्राइजेज ने अरबों की जलापूर्ति योजना का काम फर्जी क्रेडेंशियल सर्टिफिकेट के आधार पर लिया है. अफसरों की कथित मिलीभगत से कंपनी फर्जी दस्तावेज के सहारे पेयजल विभाग में काम ले रही है. विभाग में इससे संबंधित शिकायतें कई बार हुईं, लेकिन अफसरों ने कार्रवाई नहीं की. ईडी को दी गई शिकायत में बताया गया है कि प्रीति इंटरप्राइजेज द्वारा जो क्रेडेंशियल सर्टिफिकेट (नंबर 1269) पेयजल विभाग में जमा किया गया है, वह नौ दिसंबर 2022 का है, वह पूरी तरह से फैब्रिकेटेड है.
प्रीति इंटरप्राइजेज ने पेयजल विभाग में पहला काम 2019 में पोड़ाहाट सोनुवा में अन्य दो लोगों के साथ मिलकर लिया था. 2019 से पहले कंपनी ने कभी पेयजल विभाग में काम ही नहीं किया था. काम लेने से पहले कंपनी ने 11 फरवरी 2019 को एग्रीमेंट किया था, जिसमें वह 25 प्रतिशत की पार्टनर थी. वर्तमान में उस 25 प्रतिशत को फर्जीवाड़ा कर 50 प्रतिशत बताया जा रहा है. उसी आधार पर पेयजल विभाग के अफसरों से सांठगांठ कर करोड़ों का काम लिया जा रहा है.
प्रीति इंटरप्राइजेज को मिले काम और लागत
1.आदरबड़िया जलापूर्ति योजना, गढ़वा : 37 करोड़ रुपये (27 माह में पूरा करना है)
2. लोआदाग जलापूर्ति योजना, गढ़वा : 29 करोड़ रुपये (18 माह में पूरा करना है)
3. सगमा जलापूर्ति योजना, गढ़वा : 67 करोड़ रुपये (33 माह में पूरा करना है)
4. बागबेड़ा जलापूर्ति योजना, जमशेदपुर : 52 करोड़ रुपये (30 माह में पूरा करना है)
प्रीति इंटरप्राइजेज ने तीन योजनाओं का काम लिया है
प्रीति इंटरप्राइजेज ने गढ़वा में तीन जलापूर्ति योजनाओं का काम लिया है. कंपनी के साथ एग्रीमेंट भी हो गया है. काम भी शुरू कर दिया गया है. फर्जी दस्तावेज या फर्जी क्रेडेंशियल पर कंपनी ने काम लिया है, इस संबंध में मैं कोई विशेष जानकारी नहीं दे सकता हूं. काम मुख्यालय स्तर से ही आवंटित होता है. टेंडर प्रक्रिया का निष्पादन गढ़वा में नहीं होता है.
-प्रदीप कुमार, कार्यपालक अभियंता, पेयजल विभाग, गढ़वा प्रमंडल
कोई भी दस्तावेज गलत नहीं, बेहतर परफॉरमेंस के कारण मिल रहा काम
क्रेडेंशियल सहित कोई भी दस्तावेज गलत नहीं है. कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया के तहत काम लिया है. करोड़ों रुपये की लागत का काम कंपनी कर रही है. सोनुवा में कंपनी ने समय पर जलापूर्ति योजना का काम पूरा किया है. बेहतर परफॉरमेंस को देखते हुए पेयजल विभाग से कंपनी को काम मिल रहा है.
-संजय राय, प्रोपराइटर, प्रीति इंटरप्राइजेज
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