Satya Sharan Mishra
Ranchi : 2024 के चुनावी दंगल में झारखंड के सिंहभूम लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला होने वाला है. कांग्रेस की सिटिंग सीट पर झामुमो ने इस बार अपना दावा ठोंक दिया है. झामुमो का तर्क है कि सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 6 विधानसभा सीटों में से 5 झामुमो के पास है. इसलिए इस सीट पर उसकी उसकी मजबूत दावेदारी है. सिंहभूम में झामुमो के सभी और कार्यकर्ता इस सीट को लेकर जिद पर अड़े हैं. वहीं कांग्रेस अपनी सिटिंग सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने इसे लेकर अबतक कोई फैसला नहीं लिया है. उधर भाजपा सिंहभूम पर दोबारा कब्जा जमाने के लिए कोई बड़ा चेहरा ढूंढ़ रही है. सिटिंग सांसद गीता कोड़ा की इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदारी है. उधर झामुमो के विधायक दीपक बिरुआ, दशरथ गगराई, सुखराम उरांव यहां प्रबल दावेदार हैं. भाजपा से अर्जुन मुंडा जेबी तुबिद, बड़कुंवर गगराई, शशिभूषण सामड और मालती गिलुआ यहां मजबूत दावेदार हैं.
क्या हो सकता है 2024 का समीकरण
इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस या झामुमो को मिलेगा यह सीट शेयरिंग के वक्त साफ हो जाएगा। कांग्रेस या झामुमो में किसी एक ही पार्टी के पास यह सीट जाएगा. ऐसे में चुनाव के वक्त वहां कांग्रेस-झामुमो के बीच टकराव की स्थिति बनेगी. इसका फायदा पूरी तरह से भाजपा को मिलेगा. दूसरी तरफ एक और नया समीकरण तैयार हो रहा है. चर्चा है कि भाजपा कोड़ा दंपति को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहा है. यह चर्चा इसलिए है क्योंकि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर गीता कोड़ा ने विरोध किया था. इस वजह से कांग्रेस और झामुमो के नेतृत्व भी उनसे नाराज है. इस नाराजगी का असर चुनाव के वक्त दिख सकता है. ऐसे में भाजपा इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी. वैसे भी सिंहभूम में लक्ष्मण गिलुआ की मौत के बाद भाजपा के पास कोई बड़ा नेता नजर नहीं आ रहा है. अगर गीता कोड़ा भाजपा के पाले में आ गईं तो ठीक है, नहीं तो भाजपा इस बार वहां अर्जुन मुंडा पर भी दांव खेल सकती है. अर्जुन मुंडा खूंटी से सांसद हैं, लेकिन वे इस बार खूंटी से चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे हैं.
लोकसभा और सभी 6 विधानसभा सीटें एसटी सुरक्षित
दो जिलों सिंहभूम और सरायकेला में फैला सिंहभूम लोकसभा सीट एसटी सुरक्षित है. इसके अंतर्गत आने वाले 6 विधानसभा सीट भी एसटी सुरक्षित हैं. सिंहभूम के 5 विधानसभा सीट (चाईबासा, मनोहरपुर, मझगांव, जगरनाथपुर और चक्रधरपुर) चाईबासा जिले में आते हैं, जबकि एक सीट (सरायकेला) सरायकेला-खरसावां जिले में हैं. क्षेत्र में हो और उरांव जनजातियों की सबसे अधिक संख्या है. इनके ही वोट निर्णायक होते हैं. 6 सीटों में से 5 झामुमो और एक कांग्रेस के कब्जे में है.
मुख्य बातें
लोकसभा क्षेत्र में एसटी आबादी 58.72 फीसदी है.
एससी आबादी 4.06 प्रतिशत है.
77.74 फीसदी आबादी ग्रामीण जनसंख्या है.
22.26 फीसदी लोग शहरी क्षेत्र में रहते हैं.
1957 से 1977 तक 5 बार झारखंड पार्टी यहां से जीती.
1980 से 2019 तक कांग्रेस 6 बार यहां कब्जा जमाई.
तीन बार (1996, 1999, 2004) भाजपा यहां से जीती.
माइनिंग और कृषि यहां के अर्थव्यवस्था का केंद्र है.
लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी होते हैं.
पिछले 4 चुनावों में क्या हुआ
वर्ष जीते हारे मार्जिन
2019 गीता कोड़ा (कांग्रेस) लक्ष्मण गिलुआ (भाजपा) 8%
2014 लक्ष्मण गिलुआ (भाजपा) गीता कोड़ा (जेबीएसपी) 11%
2009 मधु कोड़ा (निर्दलीय) बड़कुंवर गगराई (भाजपा) 15%
2004 बागुन सुंब्रई (कांग्रेस) लक्ष्मण गिलुआ (भाजपा) 12%
सिंहभूम में कब किस पार्टी का रहा कब्जा
वर्ष पार्टी विधायक
1957 झारखंड पार्टी शंभु चरण
1962 झारखंड पार्टी हरिचरण सोय
1967 झारखंड पार्टी कोलाई बरुआ
1971 झारखंड पार्टी मोरन सिंह पूर्ति
1977 झारखंड पार्टी बागुन सुंब्रई
1980 कांग्रेस बागुन सुंब्रई
1984 कांग्रेस बागुन सुंब्रई
1989 कांग्रेस बागुन सुंब्रई
1991 झामुमो कृष्णा मरांडी
1996 भाजपा चित्रसेन सिंकू
1998 कांग्रेस विजय सिंह सोय
1999 भाजपा लक्ष्मण गिलुआ
2004 कांग्रेस बागुन सुंब्रई
2009 निर्दलीय मधु कोड़ा
2014 भाजपा लक्ष्मण गिलुआ
2019 कांग्रेस गीता कोड़ा
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