300 बीघा सरकारी जमीन घोटाले की शिकायत ईडी, सीएस तक पहुंची
Pravin Kumar/Amit Singh
Ranchi: गोड्डा जिले के महगामा अंचल के 12 मौजा में 300 बीघा सरकारी जमीन का घोटाला हुआ है. भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज के सहारे सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराकर उसे करोड़ों रुपये में बेचा है. बची हुई जमीन बेच रहे हैं. सरकारी जमीन बेच कर भू-माफिया ने करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाई है. कैलाश कुमार टिबड़ेवाल महगामा अंचल का सबसे बड़ा भू-माफिया बताया जाता है. उसने अकेले बसुआ मौजा में ही 169 एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी अपने नाम करा ली. उसके बाद मुंशी रखकर सरकारी जमीन का करोड़ों में सौदा किया. अभी भी सरकारी जमीन की खरीद बिक्री जारी है. शिकायत पत्र के माध्यम से यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय और मुख्य सचिव को दी गई है.
स्थानीय लोगों द्वारा लगातार सरकारी जमीन घोटाले की शिकायत की जा रही है. सक्षम जांच एजेंसी से पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है. शिकायत पत्र में बताया गया है कि महगामा अंचल में सबसे ज्यादा सरकारी जमीन का सौदा किशोर कुमार टिबड़ेवाल आदि ने किया है. सरकारी जमीन बेचकर टिबड़ेवाला परिवार ने करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की है. उसका पैसा कोलकाता, रांची सहित कई बड़े शहरों में इनवेस्ट किया गया है.
कोलकाता में है टिबड़ेवाल का मुख्यालय
शिकायतकर्ता ने बताया है कि सरकारी जमीन बेचकर कैलाश कुमार टिबड़ेवाल ने अरबों रुपये कमाए हैं. उसने कोलकाता में कई कंपनियां खोल रखी हैं. 11 कंपनियों में खुद डायरेक्टर हैं. रांची में भी टिबड़ेवाल ने करोड़ों रुपये खपाए हैं. रियल एस्टेट में पैसा लगाया है. सगे संबंधियों की कंपनी में करोड़ों रुपये इनवेस्ट किए हैं. सरकारी जमीन बेचकर करोड़ों की अवैध कमाई पूर्ण रूप से मनी लॉड्रिंग का मामला बनता है, इसलिए इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय शुरू करें. सरकारी जमीन से संबंधित कई मामले गोड्डा के कई थानों में दर्ज हैं. गोड्डा जिला प्रशासन की जांच में यह साफ हो गया है कि सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी फर्जी दस्तावेज के सहारे कराई गई है.
अफसरों की मिलीभगत से करोड़ों की अवैध कमाई
कैलाश टिबड़ेवाल आदि के संरक्षण में नमित जायसवाल, सुमित जायसवाल, नीरज जायसवाल व नीरज मंडल ने मानव सेवा बैंक खोलकर गरीब जनता को लूटने का काम किया. इस बैंक में भी भू-माफिया ने पैसा लगाया था. बैंक बंद है और सभी मालिक फरार हैं. गोड्डा उपायुक्त और महगामा एसडीओ को कई बार साक्ष्य के साथ आवेदन दिए गये, लेकिन मामलों को कैलाश कुमार टिबड़ेवाल ने अपनी पहुंच की बदौलत मामले को दबवा दिया. टिबड़ेवाल परिवार ने आपने आप को कभी राम टाइटल लगाकर गरीब दलित बनकर सरकारी जमीन हड़पी, तो कभी जमींदार परिवार के ढनढनियां से मिलता-जुलता नाम रखकर जमीन हड़पने का काम किया.
सरकारी जमीन पर ले लिया करोड़ों का मुआवजा
शिकायत पत्र में बताया है कि टिबडे़वाल परिवार ने अफसरों, नेताओं और भू-माफिया के संरक्षण में सरकारी जमीन के एवज में करोड़ों रुपये का मुआवजा ईसीएल से लिया है. जिस जमीन पर मुआवजा लिया, फिर उसी जमीन की जमाबंदी कराकर करोड़ों रुपये में बेच दिया. केवल बसुआ मौजा में सुंदर राम टिबडे़वाल, कैलाश टिबडे़वाल, रामू रविदास, दिलीप टिबड़ेवाल व टिबड़ेवाल परिवार के अन्य लोगों ने करोड़ों की सरकारी जमीन बेची है.
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