दस्तावेज झूठ न बोलें…
स्लग: गोड्डा में सरकारी जमीन लूटने को राम अवतार राम से बन गया टिबड़ेवाल
अवैध जमाबंदी के लिए कहीं बाप-बेटा बन गया, तो कहीं बेटा- बाप बन गया
Pravin Kumar/ Amit Singh
Ranchi : गोड्डा जिले के महागामा अंचल में सरकारी जमीन लूटने के लिए शातिरों ने अपनी जाति तक बदल ली. अवैध जमाबंदी के लिए बाप -बेटा बन गया, और कहीं-कहीं बेटा भी बाप बन गया है. एक ही व्यक्ति ने नाम और जाति बदल कर सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करा ली. एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम पर जमाबंदी है, जिसमें पति की जगह ससुर का नाम है. ऐसा हम नहीं, दस्तावेज बता रहे हैं. महगामा अंचल में सरकारी जमीन की लूट बेरोक-टोक जारी है. अब तो करोड़ों में सरकारी जमीन की बोली लग रही है. सरकारी जमीन लूट कर अवैध कमाई करने में सरकारी अफसर व कर्मचारी इतने मशगुल हो गए हैं कि उन्हें फर्जी दस्तावेज भी सही दिख रहा है. तभी तो बिना किसी जांच-पड़ताल के फर्जी दस्तावेज और सादा हुकुमनामा के आधार पर सरकारी जमीन की जमाबंदी कर रहे हैं. तभी तो भू-माफिया भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर श्मशान घाट और नदी की जमीन बेचने में सफल हो गए. सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री का खेल सबकी आंखों के सामने होता रहा, लेकिन जिम्मेवार सबकुछ जानते हुए भी खामोश रहने में ही अपना फायदा देख रहे हैं.
टिबड़ेवाल योजनाबद्ध तरीके से लूट रहे सरकारी जमीन
महगामा अंचल में योजनाबद्ध तरीके से सरकारी जमीन लूटने का खेल आज भी जारी है. अंचल क्षेत्र में चर्चित परिवार था रमा अवतार राम का. वर्तमान में इसे टिबड़ेवाल परिवार के नाम से जाना जाता है. राम अवतार राम से टिबड़ेवाल बनने का एकमात्र उद्देश्य सरकारी जमीन लूटने का रहा है. राम से टिबडेवाल परिवार बनने बाद बसुआ मौजा में 169 बीघा में से करीब 90 बीघा सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी टिबड़ेवाल परिवार के सदस्यों के नाम पर है. टिबड़ेवाल परिवार ने खुद कभी राम टाइटल लगाकर और खुद को गरीब दलित बता सरकारी जमीन हड़पी, तो कभी जमींदार परिवार के ढांढनिया से मिलता-जुलता नाम रखकर जमीन हड़पने का खेल किया.
जिस जमीन का ईसीएल से मुआवजा लिया, उसी की जमाबंदी करा बेच डाला
इतना हीं नहीं, टिबड़ेवाल परिवार ने अफसरों-नेताओं और भू-माफियाओं के संरक्षण में पहले सरकारी जमीन के एवज में करोड़ों रुपये का मुआवजा ईसीएल से लिया, फिर जिस जमीन पर मुआवजा लिया, उसी जमीन की जमाबंदी करा कर करोड़ों में बेच डाला. कैलाश टिबड़ेवाल भी अन्य लोगों के नाम से बसुआ मौजा की जमीन बंदोबस्त करा कर बेच रहे हैं. केवल बसुआ मौजा में सुंदर राम टिबड़ेबाल, कौलाश टिबड़ेवाल, रामू रविदास, दिलीप टिबड़ेवाल व अन्य टिबड़ेवाल परिवार के लोग सरकारी जमीन बेचकर करोड़ों की अवैध कमाई कर चुके हैं. अब खुद बाहर रहे हैं और जमीन खरीद- बिक्री का खेल मुंशी के माध्यम से करा रहे हैं. टिबड़ेवाल परिवार की महागामा के कई मौजा में जमीन है. जमीन की खरीद- बिक्री के लिए टिबड़ेवाल परिवार ने आधा दर्जन से ज्यादा मुंशी नियुक्त कर रखा है. हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग मुंशी है. यह हम नहीं कह रहे, खुद टिबड़ेवाल परिवार के मुंशी दिलीप टिबड़ेवाल ने बताया.
सवालों पर चुप्पी साध ली
जब पूरे मामले पर दिलीप टिबड़ेवाल से बातचीत की गई. तो पहले वे बात करने से कतराते रहे. जब पूछा गया कि क्या टिबड़ेवाला परिवार की पहचान पहले राम अवतार राम परिवार के रूप में थी, तो वो खामोश हो गए. उन्होंने कहा आपको जो छापना है छापिए, हम कुछ नहीं बोलेंगे. आप तो खबर छाप ही रहे हैं. इससे कुछ नहीं होगा. कुछ भी गलत नहीं है. कैलाश टिबड़ेवाला का नंबर मांगा गया, तो उन्होंने तुरंत फोन काट दिया.
दंबगों के सहयोग से बेची जा रही नदी की जमीन
बसुआ मौजा में ही टिबड़ेवाल परिवार के कई सदस्यों के नाम कई बार जमीन बंदोबस्त हुई है. इस परिवार के सदस्यों के नाम बसुआ मौजा के साथ-साथ अन्य मौजा में भी सरकारी जमीन की बंदोबस्ती करायी गयी है. जानकारी के अनुसार, महगामा के स्थानीय दबंगों के सहयोग से टिबड़ेवाल ने सरकारी जमीन के साथ-साथ श्मशान घाट की जमीन को बेच डाली. इसके साथ ही अब नदी के आसपास की जमीन बेच रहे हैं. नदीं के आसपास की जमीन खरीद-बिक्री का विरोध कई बार ग्रामीण कर चुके हैं. इसकी शिकायत अंचलाधिकारी महागामा और अनुमंडल पदाधिकारी महागामा से भी की जा चुकी है. मगर अफसर ठोस कार्रवाई करने के बजाये नोटिस जारी कर खामोश बैठ गए.
सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रहे हैं अफसर
गोड्डा जिला के महगामा अंतल में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करा ली गई है. सरकारी जमीन को लाखों-करोड़ों में बेची जा रही है. उस जमीन पर सैकड़ों बिल्डिंग बन गई है. कई जगह निर्माण कार्य चल रहा है. यह सबकुछ अफसरों की आंखों के सामने हो रहा है, मगर अफसर खामोश बैठे हुए हैं. भूमाफियाओं के साथ-साथ खुद को बचाने के लिए अफसर सिर्फ कागजी कार्रवाई ही कर रहे हैं.
जांच रिपोर्ट दबवाने में भी सफल रहे
गोड्डा के महगामा अंचल के 12 मौजा में सरकारी जमीन हड़पने का मामला उजागर हो चुका है. सरकारी जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि योजनावद्ध तरीके से सरकारी जमीन की जमाबंदी करायी गयी है. फर्जी दस्तावेज के आधार पर अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन लूटने का खेल वर्षों से जारी है. सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी करा कर करोड़ों में बेची जा रही है. जांच रिपोर्ट में अफसर ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने की बात कहते हुए बताया है कि जांच होने पर सरकारी जमीन हड़पने-बेचने के और भी बड़े मामले का खुलासा हो सकता है.
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