– घोटालों से संबंधित दस्तावेज सरकारी कार्यालयों से हो रहे गायब
– सीबीआई से लेकर डीसी ऑफिस तक से अहम मामलों के दस्तावेज चोरी
– सरकारी कार्यालयों से दस्तावेज चोरी होने के 76 मामले किए गए दर्ज
Amit Singh
Ranchi: झारखंड में घोटालों से संबंधित फाइलें सरकारी कार्यालयों से चोरी की जा रही हैं. अब तक ऐसे 76 मामले दर्ज किए गए हैं. जिन मामलों की फाइलें चोरी की गई हैं उनमें ज्यादातर मामले वित्तीय अनियमितता एवं जमीन घोटालों से संबंधित हैं. जिन सरकारी कार्यालयों से फाइलें चोरी हुई हैं उनमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और उपायुक्त कार्यालय भी शामिल हैं. इनके अलावा अपर समाहर्ता कार्यालय रांची, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची यूनिवर्सिटी, झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, शिक्षा विभाग, जिला कल्याण विभाग रांची आदि सरकारी कार्यालयों से भी दस्तावेज चोरी हो चुके हैं. इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. प्राथमिकी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि घोटालों में शामिल लोग ही सरकारी कार्यालयों से दस्तावेज चोरी करवा रहे हैं. चोरी हुई संचिका एवं दस्तावेज अति महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय से संबंधित हैं.
झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस एसएन प्रसाद सरकारी कार्यालयों से महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी पर कड़ी नाराजगी जता चुके हैं. उन्होंने इसे बेहद गंभीर बताया है. कोर्ट का कहना था कि सिस्टम पर भ्रष्टाचारी भारी पड़ रहे हैं, तभी तो सरकारी कार्यालय से गंभीर मामलों से संबंधित दस्तावेज चोरी कराए जा रहे हैं.
पिछले पांच वर्षों में हुई चोरी
झारखंड के विभिन्न थानों में 76 ऐसे मामले दर्ज कराए गए हैं, जिनमें कार्यालय से सरकारी दस्तावेज या संचिका गायब होने की जानकारी दी गई है. एक अनुमान के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 676 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता, जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज या संचिका सरकारी कार्यालय से गायब हो चुके हैं. रांची के कोतवाली, धुर्वा, गोंदा और नामकुम थानों में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. ये ऐसे मामले हैं जिनमें भ्रष्टाचारियों ने खुद को बचाने के लिए सरकारी कार्यालय से घोटाले से संबंधित दस्तावेज ही गायब कर दिए. इन सभी मामलों में सरकारी अफसरों ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करा कर खुद को और घोटालेबाजों को बचाने की खानापूर्ति का काम किया है.
केस स्टडी-1
16 जुलाई 2023
सीबीआई के कांके रोड स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. यह प्राथमिकी एसीबी निर्गत शाखा में पदस्थापित आरक्षी राजू रंजन कुमार ने मामला दर्ज कराया है. उन्होंने थाने में बताया है कि एक गंभीर मामले से संबंधित दस्तावेज गायब हो गए हैं. प्राथमिकी में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दस्तावेज चोरी होने का आरोप लगाया गया है.
केस स्टडी-2
15 जून 2023
झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी के कार्यालय से 10 महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई हैं. कई संचिकाओं के महत्वपूर्ण पन्नों पर व्हाइटनर गिरा दिया गया है, ताकि गड़बड़झाले का पता न चल पाए. गड़बड़ी करने वाले इतने शातिर निकले की असिस्टेंट रजिस्ट्रार ऑफिस के दो कंप्यूटरों की हार्डडिस्क क्रैश कर दी गई हैं. इनमें दर्ज सभी डाटा डिलीट कर दिए गए हैं. रजिस्ट्रार कर्नल डॉ. राजेश कुमार ने इस संबंध में 16 जून 2023 को गोंदा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में लिखा गया है कि 15 जून को शाम सात बजे पता चला कि रजिस्ट्रार कार्यालय का ताला टूटा हुआ है जबकि रजिस्ट्रार अवकाश पर हैं. विश्वविद्यालय से जुड़े अन्य कर्मियों ने कहा कि रजिस्ट्रार ऑफिस का ताला तोड़े जाने की गहनता से जांच की जाए तो बड़ी गड़बड़ी सामने आएगी.
केस स्टडी-3
रांची के अपर समाहर्ता भू-हदबंदी कार्यालय से कई जमीनों के दस्तावेज गायब हो गए हैं. इसे लेकर अपर समाहर्ता राकेश कुमार ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. नामकुम अंचल के बरगांवा मौजा का खाता नंबर 221, प्लाट नंबर 128, खाता नंबर 125, प्लाट नंबर नौ, खाता नंबर 124, प्लाट नंबर 10, खाता नंबर 215, 123 और 125 से संबंधित दस्तावेज हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब उच्च न्यायालय द्वारा उक्त जमीन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए.
केस स्टडी-4
राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा धुर्वा थाने में तत्कालीन अवर सचिव सुनील कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई. यह प्राथमिकी विभागीय सचिव के निर्देश पर कराई गई. प्राथमिकी में कहा गया है कि हेहल अंचल के मौजा बाजारा थाना संख्या 140, खाता संख्या 119, प्लॉट संख्या 336, सब प्लॉट संख्या 336/जी-2, रकबा 9 कट्ठा व अन्य अनियमितताओं की विभागीय जांच एक समिति कर रही है. मामले से संबंधित संचिका 8 अप्रैल 2021 को अवर सचिव कोषांग को प्राप्त हुई. इसके बाद अपर मुख्य सचिव कोषांग से संबंधित संचिका 12 अप्रैल 2021 को संयुक्त सचिव कोषांग में पहुंची. उसके बाद से संचिका गायब है. यह अति महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय से संबंधित है.
केस स्टडी-5
रांची विवि द्वारा शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर के रूप में राज्य सरकार को गलत जानकारी देकर लिए गए 109.50 करोड़ रुपये से संबंधित मामले की संचिका गायब हो गई है. राजभवन ने रांची विवि प्रशासन को पत्र भेज कर इस मामले में हुई अब तक की कार्रवाई की जानकारी देने को कहा. तब आनन-फानन में विवि के जिम्मेवारों ने गायब संचिका की जानकारी थाने को दी.
केस स्टडी-6
रांची के शहर अंचल कार्यालय से एक फाइल गायब हो गई है. जो फाइल गायब हुई है वह झारखंड हाईकोर्ट की डब्ल्यूपीसी 2250/2013 से संबंधित है. इसे लेकर शहर अंचल के तत्कालीन सीओ अमित भगत की ओर से 8 अप्रैल 2022 को एफआईआर दर्ज कराई गई है. एफआईआर में कहा गया है कि किसी अज्ञात कर्मी या व्यक्ति के द्वारा फाइलें गायब कर दी गई हैं.
केस स्टडी-7
वाईफाई के नाम पर रांची विश्वविद्यालय ने 4.52 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. इसका लाभ किसी को नहीं मिल रहा है. करोड़ों खर्च होने के बाद भी विवि में वाईफाई सुविधा बहाल नहीं हो सकी. महालेखाकार (एजी) ने इस पर आपत्ति जताते हुए योजना से संबंधित वर्क ऑर्डर, एग्रीमेंट और भुगतान से संबंधित दस्तावेज विवि प्रशासन से मांगा है. एजी ने रिमाइंडर भेजते हुए कहा है कि विवि द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. एजी के रिमाइंडर के बाद विवि प्रशासन ने वाईफाई योजना से संबंधित दस्तावेज खोजने शुरू किये, तो पता चला कि विवि में योजना से संबंधित एक भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है. करोड़ों के भुगतान सहित योजना से संबंधित तमाम दस्तावेज गायब हो गए हैं.
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