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कोरोना अलर्ट पर रिम्सः माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने प्रबंधन से मांगे 20 हजार टेस्ट किट

Ranchi: ओमीक्रोन का सब वैरिएंट बीएफए-7 ने चीन, कोरिया, जापान, अमेरिका में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. वहीं भारत भी इस वैरिएंट से अछूता नहीं है और बीएफ-7 को लेकर सतर्क हो गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने 21 दिसंबर को अधिकारियों के साथ बैठक की है. तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, गृह मंत्री अमित शाह और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक कर खतरों से निपटने के उपाय पर चर्चा की है. इधर, रिम्स में भी कोरोना जांच में उपयोग होने वाले किट की मांग की गयी है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ अशोक कुमार ने प्रबंधन से 20 हजार किट का मांग किया है. ताकि निर्बाध रूप से कोरोना का जांच किया जा सके. हालांकि डॉक्टर भी मानते है कि झारखंड में कोरोना का जांच न के बराबर हो रही है.

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दिसंबर में अब तक 1580 सैंपल की जांच

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि 1 दिसंबर से लेकर अब तक विभाग में 1580 सैंपल की जांच हुई. रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में फुल मैनपावर हो तो 1 दिन में अधिकतम 4500 सैंपल की जांच करने की क्षमता है. संक्रमित मरीजों का सैंपल जिनका सीटी वैल्यू 30 से कम है. वैसे सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा.

मरीजों की संख्या बढ़ी तो अस्थाई कोविड वार्ड में होगा इलाज

वहीं रिम्स के चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर रिम्स भी इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्रबंधन के द्वारा कर्मचारियों और डॉक्टरों की बैठक की गई है. ट्रॉमा सेंटर में भी तैयारी मुकम्मल कर ली गई है. संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ने पर मल्टी स्टोरी पार्किंग स्थित अस्थाई कोविड वार्ड में इलाज किया जाएगा.

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कोरोना की जांच बढ़ी तो संक्रमितों के आंकड़े भी बढ़ेंगे

वहीं रिम्स पीएसएम विभाग के डॉ देवेश कुमार ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है. उन्होंने जांच नहीं होने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. कहा कि जांच की रफ्तार बढ़ी तो बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज मिलेंगे. फिलाहाल कोविड का ट्रेंड देखना भी जरूरी है. इसके बाद स्थिति और बेहतर तरीके से स्पष्ट हो पाएगी.

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