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पांच साल में युवाओं में हृदय रोग के 20 फीसदी मामले बढ़े

Ranchi: पूरी दुनिया इस बार यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट थीम पर वर्ल्ड हार्ट डे मना रही है. यह थीम इसलिए रखा गया है, ताकि लोग अपने साथ-साथ दूसरे के हृदय को मजबूत रखने में मदद करें. उन्हें लगातार हृदय को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रेरित करें. ये इसलिए जरूरी हो गया कि वर्तमान में हृदय रोग के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पहले 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को होने वाली यह परेशानी अब 25 से 40 साल के लोगों को भी हो रही है.

फोटो डॉ प्रशांत कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग रिम्स

रिम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रशांत ने बताया कि पिछले पांच सालों में 25 से 40 साल तक मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में पंद्रह से बीस फीसदी तक बढ़ी है. उन्होंने बताया कि युवाओं में हृदयाघात के चार प्रमुख कारण हैं. सबसे अधिक धूम्रपान के कारण युवाओं में हृदयाघात के मामले देखे जा रहे हैं. इसके अलावा अनकंट्रोल बीपी, लगातार बैठे रहने वाला काम फैट बर्न नहीं करने के कारण भी परेशानी हो रही है. इसके अलावा युवाओं में बढ़ रहे स्ट्रेस को भी इस बीमारी का बड़ा कारण बताया गया है. डॉ प्रशांत ने बताया कि रिम्स में प्रतिदिन ओपीडी और इमरजेंसी में मिलाकर 150 के करीब मरीज आते हैं. जिसमें से 30 के करीब मरीज 25 से 45 साल तक के युवा होते हैं.

फोटो डॉ विनय कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट, हार्ट सेंटर, केसी राय मेमोरियल हॉस्पिटलदुनिया में सबसे ज्यादा मौत हार्ट संबंधित बीमारी से

वहीं केसी राय मेमोरियल हॉस्पिटल हार्ट सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विनय कुमार ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा मौत हार्ट और उससे संबंधित बीमारियों की वजह से होती है. मौत का आंकड़ा एक तिहाई के करीब है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. डॉ विनय ने कहा कि जीवन शैली में परिवर्तन के वजह से ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है. लोग शारीरिक श्रम नहीं कर रहे हैं. तनाव में रहते हैं. यह भी हृदयाघात की एक बड़ी वजह है. कई मामलों में मरीज अस्पताल भी नहीं पहुंच पाते हैं और उनकी मौत हो जाती है. कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों से सलाह लें. कोलेस्ट्रॉल और वजन को कंट्रोल करें. धूम्रपान से पूरी तरह से दूर रहें.

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हृदय को ठीक रखने के लिए 40 से 45 मिनट पैदल चलें

मेदांता के डॉ मुकेश अग्रवाल ने बताया कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के प्रमुख कारणों में माना जाता है, शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए जीवन शैली में बदलाव की जरूरत होती है. संतुलित आहार, पैदल चलना और दूसरी बीमारियों को कंट्रोल में रखना होता है. इसके अलावा भोजन में नमक व चीनी का कम से कम प्रयोग, न के बराबर वसायुक्त चीजें भी लेनी होती है. फल, सलाद, हरी सब्जियां और मछली ले सकते हैं. इससे हृदय को ताकत मिलती है. इसके अलावा सप्ताह में तीन से पांच दिन 40 से 45 मिनट पैदल भी चलें.

ठंड में अधिक सतर्क रहने की जरुरत

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नीरज प्रसाद ने बताया कि ठंड में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और रक्त गाढ़ा हो जाता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में ब्लड प्रेशर नियंत्रित करना अहम होता है. किसी हृदय रोगी का ठंड में बाहर निकलना भी खतरनाक होता है. ठंड लगने से नाड़ियों में सिकुड़न हो जाती है. इसलिए डायबिटीज, बीपी को कंट्रोल रखने के साथ धूम्रपान नहीं करना होता है. धूप में टहल सकते हैं.

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