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जमीन से जुड़े केस निपटारे के लिए डीसी लगाएं नियमित राजस्व कोर्ट, 3 माह बाद फिर करेंगे समीक्षा : हेमंत सोरेन

Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जिले के उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी जमीन से जुड़े मुकदमों के निपटारे के लिए राजस्व कोर्ट नहीं लगाते हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारी नियमित कोर्ट लगाकर जमीन से जुड़े मुकदमों का निपटारा करें. उन्होने कहा, लगाए गए राजस्व कोर्ट में निष्पादन किए गए मामलों की 3 महीने के बाद समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री सोमवार को राजस्व, भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग की दाखिल खारिज उत्तराधिकार नामांतरण, राजस्व संग्रहण और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए.

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जमीन का सर्वे कराने की दिशा में विभाग ठोस कदम उठाए- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में जमीन का सर्वे कराने की दिशा में विभाग ठोस कदम उठाएं. इसके लिए अन्य राज्यों में जमीन के सर्वे के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं का अध्ययन रिपोर्ट तैयार करें और उसके आधार पर राज्य में भी जमीन का सर्वे करने की दिशा में पहल करें. उन्होंने कहा कि जमीन का सर्वे नहीं होने से आने वाले दिनों में कई विवादों के साथ लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी, इसलिए इसका समाधान बेहद जरूरी है.

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दाखिल खारिज के मामले लंबित नहीं रहे

विभाग की ओर से सीएम को बताया गया कि राज्य में दाखिल खारिज के कुल 12 लाख 97 हजार 967 दाखिल खारिज के आवेदन आए हैं. इसमें 5 लाख 84 हजार आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया. जबकि 6 लाख 42 हजार आवेदन रिजेक्ट किए गए. वर्तमान में 528 ऐसे आवेदन हैं, जो 90 दिनों से ज्यादा समय से लंबित हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री ने ये दिये निर्देश

दाखिल खारिज के मामले 90 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहे इसे सुनिश्चित किया गया सभी उपायुक्त इस पर विशेष ध्यान दें.

रजिस्ट्री आधारित दाखिल खारिज हो, इसे सुनिश्चित करें.

उत्तराधिकार से जुड़े दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित किया जाए.

विभाग की वेबसाइट पर अपलोड होने वाले दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए.

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