Ranchi: मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. सबसे पहले खुद पर अभ्यर्थी विश्वास करना सीखें, क्योंकि आपका आत्मविश्वास ही सफलता के डोर को मज़बूत बनाएगा. एक समय ऐसा भी था जब झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र के सीमित बच्चे ही सिविल सेवा की ओर रूख कर पाते थे. आत्मविश्वास का अभाव कहें या जागरूकता की कमी पर हकीकत यही था. लेकिन हमने झारखंड में रांची, हजारीबाग और धनबाद में चाणक्य आइएएस एकेडमी की शाखाएं खोलकर ना सिर्फ इस राज्य के बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की बल्कि लगातार संस्थान की ओर से जागरूक भी किया गया, जिसका नतीजा है कि आज शहरी क्षेत्रों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी यूपीएससी और जेपीएससी में अपने सफलता का परचम लहरा रहे हैं. उक्त बातें चाणक्य आइएएस एकेडमी के फाउंडर चेयरमैन व इंटरनेशनल मोटीवेशनल स्पीकर सक्सेस गुरू एके मिश्रा ने राजधानी रांची के लालपुर स्थित चाणक्य आइएएस एकेडमी की रांची शाखा में आयोजित सेमिनार के दौरान अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कही.
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उन्होंने कहा कि हर छात्र आइएएस बनने की क्षमता रखता है. समय का सदुपयोग, बेहतर सलाह, उचित मार्गदर्शन और सही दिशा में नियमित परिश्रम से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. हर व्यक्ति में अद्भुत शक्ति है, बस जरूरत है अपनी शक्ति पहचान कर सही मेहनत किया जाए. उन्होंने कहा कि कई बार लोग अपने कंफर्ट जोन को त्याग नहीं पाते और चुनौतीपूर्ण स्थितियों या संघर्षपूर्ण स्थितियों को स्वीकारने में संकोच करते हैं पर हकीकत तो यह है कि जीवन को संवारने के लिए हर चुनौतियों से गुजरना भी जरूरी होता है. वहीं चाणक्य आइएएस एकेडमी से तैयारी कर यूपीएससी 2021 में रैंक 50 लाकर सफलता का परचम लहराने वाले अभीजीत रे भी इस सेमिनार में शामिल हुए और मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद अभ्यर्थियों को सफलता से जुड़ी कई अहम बातें बताई. उन्होंने अभ्यर्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि समय प्रबंधन कर तय लक्ष्य की ओर पूरी लगन से उचित मार्गदर्शन में परिश्रम करने से सफलता पाने की राह काफी आसान हो जाती है. सभी अभ्यर्थियों को इस ओर ईमानदारी से पहल कर अपने तय लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर अभ्यर्थी को समय समय पर उचित मार्गदर्शन लेना आवश्यक है.
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चाणक्य आइएएस एकेडमी में तैयारी करते हुए मुझे अनुकूल वातावरण के साथ साथ सक्सेस गुरू एके मिश्रा का समय-समय पर उचित मार्गदर्शन मिलता रहा, विनय सर और रीमा मैम के भरपूर सहयोग के अतिरिक्त संस्थान में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों व हर अनुकूल व्यवस्थाएं मिली, जो हमारी सफलता का आधार बना.
बताते चलें कि चाणक्य आइएएस एकेडमी 1993 में दिल्ली से शुरू हुई. वर्तमान में संस्थान की 22 शाखाएं देश की विभिन्न राज्यों में मौजूद है. अब तक संस्थान के 5 हजार से भी अधिक सिविल सेवक देश सेवा में अहम योगदान दे रहे हैं.
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