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मंत्रीजी, इनको पैसा दिलवा दीजिए, बुरे वक्त में सरकार और कोविड मरीजों के काम आये थे

Ranchi: माननीय स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता. एक मार्मिक अपील है. याद कीजिए वो दौर, जब कोरोना पीक पर था. हर रोज सैकड़ों-हजारों लोगों की सांसों की डोर थम रही थी. ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और दूसरी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं मिलने के कारण असमय कितने ही लोग काल के गाल में समा गये. अस्पतालों में पड़े मरीजों को उनके सगे-संबंधी नहीं छू रहे थे. जरा याद करियेगा जब हर तरफ कोरोना का डर और दहशत फैला हुआ था, उस वक्त अपनी जान को जोखिम में डालकर किसने उन बेबस मरीजों और स्वास्थ्य महकमे को सहारा दिया था. जी हां, ये वही फ्रंटलाइन वर्कर हैं. जिनपर आप उस वक्त गर्व करते थे. जिन्होंने कोविड टेस्ट करने के लिए अपना और अपने परिवार का जान जोखिम में डाल दिया था.

कम से कम इन गरीबों को भी पैसे दिलवा दीजिए

पता है आप इन्हें भूले नहीं हैं. आपने कोविड काल में संविदा पर बहाल फ्रंटलाइन वर्कर्स के वेतन के लिए 150 करोड़ रुपये भी रिलीज कर दिया है, लेकिन पैसे देंगे कब? आपने ही कहा था, हमारी सरकार संवेदनशील है. जल्द ही इन लोगों को पैसे मिल जाएंगे. कोरोना योद्धाओं के साथ विश्वासघात नहीं होगा. मालूम है कि आप विश्वासघात होने नहीं देंगे, लेकिन मंत्रीजी जिन लोगों का पैसा बकाया है, वे महंगी गाड़ियों में नहीं घूमते हैं. उन्हें सब्जी-राशन उधार में नहीं मिलता है. बच्चों की स्कूल की फीस भी माफ नहीं होती. सिर्फ संवेदनशील बोलने से नहीं चलता है. संवेदनशीलता दिखानी पड़ती है. जिस तरह स्वास्थ्य सचिव समेत अन्य सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक महीने की कोविड प्रोत्साहन राशि रिलीज हो जाता है, उसी तरह कम से कम इन गरीबों को भी पैसे दिलवा दीजिए.

बकाये मद की राशि 95.12 लाख रुपए है

कोरोना महामारी के वक्त कोविड टेस्टिंग समेत अन्य कामों के लिए आउटसोर्सिंग पर लिए गए कर्मचारी जिला प्रशासन के आदेश पर बहाल किए गए थे. 250 लोगों की बहाली रांची सदर अस्पताल में हुई थी. ये सभी कर्मी रांची-हटिया रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड समेत कोविड स्टेटिक बूथ पर तैनात किए गए थे. शुरुआत के महीने में वेतन मिला, लेकिन जैसे ही महामारी खत्म हुई. इन्हें काम से हटा दिया गया, वो भी बिना पैसे के भुगतान किये. इन्हें 400 रुपया प्रतिदिन 12000 रुपए प्रतिमाह भुगतान की बात कहकर काम पर रखा गया था. 35 कर्मचारी वैसे हैं, जिन्हें 6 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि 215 कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इनके बकाये मद की राशि 95.12 लाख रुपए है.

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