-पिछले वर्ष बारिश में डैम हो गया था ओवरफ्लो, वर्षों से नहीं खुलने के कारण फाटक हो गया है खराब
-दिसंबर में ही जलसंसाधन विभाग ने एजेंसी को सौंपा कार्य, मगर कछुए की गति से चल रहा है काम
Kaushal Anand
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Ranchi: राजधानी रांची के बड़े हिस्से में वाटर सप्लाई के लिहाज से महत्वपूर्ण हटिया डैम की सुरक्षा के साथ विभाग और एजेंसी खिलवाड़ कर रहे हैं. मॉनसून की इंट्री हो जाने के बाद भी अब तक डैम का मरम्मत कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है. मजे की बात यह है कि विभाग ने इसकी मरम्मति कार्य डालटनगंज की कंपनी मंगल सूर्या कंट्रक्शन को एलॉट कर चुकी है, इसके बावजूद एजेंसी तकनीकी बहाना बता कर विभाग को बरगलाता चला आ रहा है. ऐसे में अगर इस वर्ष भी बारिश में डैम पूर्ण रूप से भर गया और ओवर फ्लो की स्थिति उत्पन हुई तो डैम को खतरा उत्पन्न हो सकता है.
हटिया डैम की तस्वीरपिछले साल बारिश में डैम का गेट नहीं खुलने के कारण हो गया था ओवर फ्लो
पिछले साल बारिश में डैम का लेबल अपने खतरे के निशान से ऊपर चला गया था. डैम का फाटक खराब होने के कारण एक भी गेट को नहीं खोला जा सका था. इसके कारण डैम ओवर फ्लो हो गया था. लाख प्रयास के बावजूद वर्षों से जाम पड़े फाटक को खोला नहीं जा सका. ऊपर वाले के करम पर बारिश थम गयी और खतरा टल गया था.
हाईड्रोलिक सिस्टम से नहीं मैन्यूअली ऑपरेशनल सिस्टम के तहत होगा मरम्मत
डैम को हाईड्रोलिक सिस्टम के तहत खुलने-बंद होने की योजना के तहत अब फाटक का काम नहीं होगा. बल्कि इसे आसानी से मैन्यूअली ऑपरेशन हो सके, इसके तहत इसका मरम्मत किया जाएगा. पिछले वर्ष पेयजल विभाग के मैक्निकल डिविजन ने डैम का फाटक हाईड्रोलिक सिस्टम के तहत मरम्मत करने की योजना बनायी थी. मगर विभागीय इंजीनियरों ने इसे खारिज कर दिया और जलसंसाधन विभाग को इसके मरम्मत कार्य करने का जिम्मा सौंपा. इसके बाद जल संसाधन विभाग ने इसकी योजना बनायी. जलसंसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आलोक भारती ने बताया कि हाईड्रोलिक सिस्टम बहुत अधिक कारगार नहीं होगा. चूंकि यह गेट रेगुलर नहीं खुलता है. इसलिए पिस्टन सिस्टम में दिक्कतें आ सकती हैं. इसलिए गेट को मैन्यूअली खुलने एवं बंद के लिए जरूरी कार्य जैसे गेट गीयर, बॉक्स, रॉलर आदि का काम शुरू कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि इसकी मरम्मति कार्य जल्द पूर्ण कर ली जाएगी. यह पूरी योजना 98 लाख रूपये की है.
कई सामान लाए जाने का बहाना बनाया जा रहा है
बाहर से सामान मंगाने का बहाना बनाकर काम में विलंब किया जा रहा है. एजेंसी विभाग को बता रहा है कि गेट सिस्टम, गियर बॉक्स, सिस्टम, रोप, रॉलर मशीन सहित कई जरूरी उपकरण बाहर से मंगाए जा रहे हैं. गियर बॉक्स एसेंबल किया जाएगा. यह सामान आ जाने के बाद उसे इंस्टॉल करके फाटक में लगाया जाएगा. विभाग इसमें मॉडल इलेक्ट्रिक सिस्टम का भी ऑप्शन रखेगा, ताकि भविष्य में अगर इसे इलेक्ट्रिक सिस्टम से ऑपरेट कराने का विचार हुआ तो आसानी से यह सिस्टम लगाया जा सके.
हटिया से प्रतिदिन होती है 12 एमजीडी आपूर्ति
हटिया डैम से प्रतिदिन एचईसी कंपनी सहित धुर्वा, हटिया, बिरसा चौक, एचईसी आवासीय परिसर, हवाई नगर, शुक्ला कॉलानी, डोरंडा, हीनू सहित आसपास के इलाके में 12 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है.
हटिया डैम का वाटर लेबल
आज लेबल – कुल क्षमता
29.6 फीट – 38 फीट
क्या कहते हैं विभाग के अफसर
“काम शुरू हो चुका है. एजेंसी को पांच में से दो फाटक 10 से 15 जुलाई के बीच पूरी कर लेने का निर्देश दिया गया है, ताकि अगर डैम ओवर फ्लो की स्थिति में आती है तो कम से कम दो गेट खोला जा सके. अगर एजेंसी तय समय पर काम पूरी नहीं करती है तो निश्चित ही एजेंसी पर एक्शन लिया जाएगा. (आलोक भारती, ईई जलसंसाधन विभाग)”
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