Ranchi: राजधानी के 15 ओपी क्षेत्र स्थित जामनगर में बीते 18 जून की रात भाई बहन की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में रांची पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी अर्पित को गिरफ्तार किया है. अर्पित ने पुलिस के समक्ष जो स्वीकारोक्ति बयान दिया है, उससे खुलासा होता है कि अर्पित के माता-पिता को घटना की जानकारी थी. उसके बावजूद वे पुलिस को गुमराह करते रहे.
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16 जून को आया था रांची
अर्पित ने पुलिस के समक्ष दिए स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि 16 जून से 11वीं की परीक्षा शुरू हो रही था. जिसे देने के लिए वह 15 जून को बिलासपुर से ट्रेन पकड़ कर रात के करीब 12 बजे के आसपास रांची पहुंचा. 16 जून को परीक्षा देने के बाद 17 जून को उसकी परीक्षा नहीं थी. जिस वजह से वह अपने घर में था. इसी दौरान श्वेता ने फोन कर रात में उसे अपने जनक नगर स्थित घर पर आने को कहा. इस बात की जानकारी अर्पित ने अपने दोस्त कमलेश को भी दिया कि मुझे श्वेता से मिलने जाना है. उसने मुझे बुलाया है. जिससे बाद अर्पित रात करीब 11.30 बजे बिना किसी को बताये श्वेता से मिलने के लिये निकला. ओला कार करके ओटीसी मैदान के बगल से शाहदेवनगर होते हुए अंतिम छोर पर उतर गया. उसके बाद वहां से खेत होते हुए श्वेता सिंह के घर रात साढ़े बारह बजे पहुंचा. घर के पीछे स्थित पेड़ के सहारे छत पर पहुंचा. श्वेता ने अपने घर के ऊपर वाले गेट का ताला खोल कर रखा था. अर्पित ने बताया कि जैसे ही मैं ऊपर चढ़ा, श्वेता ने कहा घर में सभी सोये हुए हैं. इससे तुम्हारे जूते की आवाज से कोई उठ ना जाए,इसलिए जूता वहीं उतार दो. इसके बाद दोनों लगभग ढाई घंटे तक छत की सीढी पर ही बैठ रहे और इस दौरान दोनों ने शारीरिक संबंध भी बनाए.
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श्वेता की मां ने आपत्तिजनक अवस्था में देखा
अर्पित ने पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि उसी दौरान श्वेता की मां चंदा देवी उठ गयी और उठने के बाद घर से स्कूटी बाहर निकाल कर फिर अंदर आयी. अर्पित ने बताया कि अचानक चंदा देवी ने मुझे और श्वेता सिंह को सीढ़ी पर आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया. यह देखते ही चंदा देवी ने हल्ला करना शुरू कर दिया साथ ही अर्पित को पीटने लगी. अर्पित ने बताया कि हल्ला सुनकर वह डर गया. फिर सीढ़ी पर रखे चाकू को उठाकर उस ने वार कर दिया. जैसे ही दो-तीन बार वार किया, चाकू टूट गया. उसी दौरान चंदा देवी ने भी मेरे ऊपर हमला कर दिया. तभी सीढ़ी के बगल में फ्रीज के ऊपर से रखे लोहे की हथौड़ी उठाकर अर्पित ने चंदा देवी पर वार कर दिया. इससे श्वेता की मां वहीं बेहोश होकर गिर गयी.
इससे आगे अर्पित ने बताया कि इतने में श्वेता का भाई प्रवीण कुमार सिंह एक रॉड लेकर मुझे मारने के लिए आ गया. मैंने प्रवीण का रॉड पकड़ कर उसे लोहे की हथौड़ी से उसके सिर पर 3-4 बार वार कर दिया. प्रवीण के सिर से खून गिरता देख श्वेता भी मेरे ऊपर हमला करने लगी, गुस्से में उसके सिर पर भी हथौड़ी से 2-3 बार हमला कर दिया. इससे श्वेता भी वहीं गिर गयी. तीनों के सर से बहुत ज्यादा खून बहने लगा. खून देख कर मैं डर गया. मेरे कपड़ों में खून का दाग लग गया था. जिसके छुपाने के लिए श्वेता के घर में ही रखा काला दुपट्टा लेकर जिस तरह घर के अन्दर आया था, उसी तरफ उसके छत के पीछे से पेड़ और छज्जा के सहारे उतर कर खेत की तरफ से भाग गया.
घर वालों को दी थी घटना की जानकारी
इस घटना के बाद अर्पित में अपने परिवार वाले को घटना की पूरी जानकारी दी. अर्पित के पिता ने कहा तुम्हें कहीं नहीं जाना है. इसके बाद अर्पित अपनी मां से जिद करने लगा कि मैं नहीं रहूंगा, मैं वापस बिलासपुर जा रहा हूं तुम मेरे दोस्त कमलेश को मेरा कपड़ा देकर स्टेशन भेज दो, इतनी ही देर में अर्पित के पापा कार से हटिया स्टेशन आए और जबरदस्ती अर्पित को घर ले जाने लगे. अर्पित घर नहीं जाने की जिद करने लगा. जिसके बाद अर्पित के पापा उसे संगम रेस्टोरेंट रातु के पास लाए, लेकिन अर्पित जाने की जिद पर अड़ा था. जिसके बाद अर्पित के दोस्त कमलेश कपड़े वाला बैग लेकर संगम रेस्टोरेंट के पास आया. जैसे ही कमलेश वहां पहुंचा, तो दोनों हटिया रेलवे स्टेशन चले गए. वहां से लोकल ट्रेन पकड़कर राउरकेला स्टेशन आया और वहां से गीतांजलि सुपरफास्ट ट्रेन पकड़कर बिलासपुर पहुंचा.
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