Ranchi : झारखंड पुलिस मुख्यालय ने जिले के एसपी को मुख्यालय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि 10 जून को राजधानी रांची में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी. वहीं 10 अप्रैल को लोहरदगा में रामनवमी जुलूस के दौरान सांप्रदायिक दंगा भड़की थी. झारखंड के इन दोनों जिलों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के पीछे पीएफआई संगठन का हाथ माना जा रहा है.
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साल 2018 में झारखंड में बैन हुआ था पीएफआई
राज्य सरकार ने पीएफआई को पहली बार 21 फरवरी 2018 को प्रतिबंधित किया था. इसके खिलाफ इस संगठन के सदस्य हाइकोर्ट गये थे. 27 अगस्त 2018 को प्रतिबंध हटा दिया गया था. झारखंड सरकार ने आतंकी कनेक्शन का हवाला देकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को फिर से दुबारा 12 फरवरी 2019 को बैन कर दिया था. आतंकियों के स्लीपर सेल व आतंकी गतिविधियों के आरोप में पूर्व में प्रतिबंधित पीएफआई को फिर से प्रतिबंधित करने के बारे में झारखंड सरकार के गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा में इसकी गतिविधियां संदिग्ध है. पीएफआई संगठन झारखंड में सबसे ज्यादा पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा में सक्रिय है. इन तीनों जिलों में संगठन ने अपने हजारों सदस्य बनाये हैं.
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कैसे बना PFI
पीएफआई की स्थापना 1993 में बने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट से ही हुई है. 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से एक संगठन बना था. इसके बाद 2006 में नेशनल डेमाक्रेटिक फ्रंट का विलय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में हो गया. हालांकि, ऑफिशियली इस संगठन की शुरुआत 17 फरवरी, 2007 में हुई. यह संगठन केरल से संचालित होता है, लेकिन पूरे देश में इसके लोग फैले हुए हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुताबिक पीएफआई देश के 23 राज्यों में सक्रिय है.
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