Shruti Prakash Singh
Ranchi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाओं को जारी किया. कोरोना काल में अनाथ हुए झारखंड के 49 बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत मदद मिलेगी. अनाथ हुए इन 49 बच्चों में 14 रांची जिले के रहने वाले हैं.
बच्चों को स्टाइपेंड व अन्य सुविधाएं मिलेंगी
अनाथ हुए झारखंड के इन 49 बच्चों को पीएम केयर फंड से स्टाइपेंड व अन्य सुविधाएं मिलेंगी. 23 साल पूरा होने पर उन्हें 10 लाख रुपये मिलेंगे. इसके अलावा बच्चों को आयुष्मान हेल्थ कार्ड भी दिया जायेगा. इससे 5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा बच्चों को मिलेगी. बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में उनका दाखिला कराया जा चुका है. अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए हायर एजुकेशन के लिए लोन चाहिए होगा, तो इस योजना के तहत उन्हें मदद मिलेगी. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए और रुपयों की जरूरत होगी. इसके लिए 18 से 23 साल तक उन्हें हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा. जब 23 साल के होंगे तो 10 लाख रुपये एक साथ मिलेगा.
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योजना की प्रमुख विशेषताएं
वित्तीय सहायता : बच्चों को एक लाख रुपये की राशि मिलेगी. 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख. गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार बच्चों को राज्य आपदा कोष से प्रति मृतक माता-पिता को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है.
बोर्डिंग और लॉजिंग के लिए सहायता : जिलाधिकारियों ने सीडब्ल्यूसी की सहायता से बच्चे को उसके परिवार व रिश्तेदारों के बीच पुनर्वास के लिए कदम उठाए गए हैं. 1 अप्रैल 2022 से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना (अब मिशन वात्सल्य) के तहत रिश्तेदारों के साथ रहने वाले बच्चों को 2000 रुपये प्रति माह मिल रहे थे. इसे संशोधित कर अब 4000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है.
स्कूली शिक्षा के लिए सहायता : निकटतम केवी या निजी स्कूल में छात्र के रूप में प्रवेश. आरटीई मानदंडों के अनुसार फीस पीएम केयर्स से दी जाएगी. इन बच्चों के लिए सभी केवी में 6 अतिरिक्त सीटें आरक्षित की गई हैं. वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और पर खर्च के लिए भी भुगतान. सामाजिक न्याय और मंत्रालय की योजना के तहत कक्षा 1 से 12 तक स्कूल जाने वाले बच्चों को 20,000 रुपये प्रति वर्ष प्रदान किया जा रहा है.
क्या कहते हैं CWC के चेयरमैन
CWC के चेयरमैन अजय शाह से इस सिलसिले में हमने बात की. पूछा कि आपने कैसे चिन्हित किया कि जो बच्चे झारखंड से चुने गए हैं, वे अनाथ हैं? उन्होंने बताया कि इसका पूरा जिम्मा CWC को दिया गया था. लिस्ट तो बहुत सारे बच्चों की जारी की गई थी. पर हमने घर जाकर भी जायज़ा लिया. उसके बाद बच्चों का चयन किया गया है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में 9000 बच्चों का फॉर्म आया था, पर उनमें से सिर्फ 4300 बच्चों को चुना गया. रांची में कुल 49 बच्चों का चयन किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि रांची जिला से चयनित कुल 14 बच्चों में से 2 बच्चे 18 वर्ष के हो गए हैं. और उनके नाम से डाकघर में 10 लाख रुपये जमा भी हो गये है, जो उन्हें 23 वर्ष पूरे होने पर मिल जायेंगे. उन्होंने बताया कि यह एक तरह का रिवॉल्यूशन स्कीम है. इस योजना के तहत बच्चों को उच्च शिक्षा दी जाएगी. यह सरकार की तरफ से अच्छी पहल है.
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