Jamshedpur: झारखंड के पूर्व मंत्री, जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक व भारतीय जनतंत्र मोर्चा के संस्थापक सरयू राय एकबार फिर चर्चा में हैं. चर्चा की वजह पंजाब पर आम आदमी पार्टी के कब्जे के बाद राष्ट्रीय स्तर पर दमदार नेता के रूप में उभरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात है. सरयू की दोनों नेताओं से मुलाकात और गुफ्तगू रविवार को हुई. तीनों ने साथ बैठकर चाय पी और बातें की. यह मुलाकात नई दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई. संक्षिप्त बातचीत के बाद केजरीवाल एवं सिसोदिया अमृतसर के लिए निकल गए. लेकिन निकलते हुए केजरीवाल सरयू को औपचारिक मुलाकात का आमंत्रण भी देते गए.
सरयू ने इस मुलाकात की जानकारी ट्वीट कर साझा की. उन्होंने लिखा से दिल्ली हवाई अड्डा पर वहां के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भेंट हो गई. वे रोड शो के लिए अमृतसर जा रहे थे. विभिन्न विषयों पर बात हुई, पुरानी स्मृतियां ताज़ा हुईं. अगली बार दिल्ली आने पर औपचारिक भेंट के लिए कहा. दरअसल, सरयू राय शनिवार को नई दिल्ली में रोटरी डिस्ट्रिक्ट क्लब द्वारा आयोजित जोश, जज्बा, जुनून के परिचर्चा ‘पर्यावरण की रक्षा’ में शामिल होने पहुंचे थे. इसमें प्रख्यात विचारक गोविंदाचार्य और बॉक्सर विजेंद्र सिंह भी शामिल रहे थे.
इससे पहले रांची में हुई थी बिहार के मंत्री मुकेश सहनी से मुलाकात
सरयू की रांची यात्रा से पूर्व 11 तारीख को बिहार के पशुपालन, गव्य विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी से शिष्टाचार भेंट की थी. सहनी अपनी वीआईपी पार्टी की झारखंड में शुरुआत करने रांची आये हुए थे. सहनी ने शुक्रवार दोपहर में सरयू राय से संपर्क किया था. विधानसभा का सत्र समाप्त होने के बाद राय होटल रेडिशन ब्लू गये और सहनी का स्वागत किया. उन्होंने बिहार-झारखंड में मत्स्य पालन विकास पर चर्चा की और अगली बार रांची आने पर उन्हें अपने यहां आमंत्रित किया.
झारखंड में बनाया तीसरा मोर्चा
तीन दिन कवल ही झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को निर्दलीय पटखनी देकर पांव-पैदल कर देने वाले सरयू राय के साथ सुदेश महतो, अमित यादव, कमलेश सिंह और लंबोदर महतो ने मिलकर झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा बनाया है. इनमें सुदेश महतो और लंबोदर महतो आजसू पार्टी के हैं. सरयू राय और अमित यादव विगत चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय लड़कर जीते हैं और कमलेश सिंह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बने हैं. सुदेश, कमलेश और सरयू झारखंड की अलग-अलग सरकारों में मंत्री भी रहे हैं. मोर्चे में शामिल विधायकों का कहना रहा कि एक या दो विधायकों को सदन में बोलने के लिए जो समय आवंटित किया जाता है, वह पर्याप्त नहीं होता. इसलिए उन्होंने मिल कर यह मोर्चा बनाया है. इसके भी अलग मायने निकालें जा रहे हैं.
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