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RANCHI: नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट के तहत रांची जिले में संचालित 28 विशेष विद्यालय के कर्मियों को पिछले एक साल से मानदेय नहीं मिला है. इन स्कूलों में 85 कर्मचारी नियुक्त हैं. बकाया मानदेय को लेकर कर्मियों ने कई बार विभागीय स्तर से केंद्र को पत्र भी भेजा गया पर अभी तक इन कर्मियों को मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है. रांची जिला में 28 विशेष विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं. इनमें रांची शहरी क्षेत्र में 17 और ग्रामीण इलाकों में 11 विद्यालय कार्यरत है.
केंद्रीय टीम दस्तावेज लेकर गयी
कुछ दिनों पहले केंद्रीय टीम रांची आयी. इस दौरान कई स्कूलों का दौरा भी किया था. स्कूल में कार्यरत कर्मचारियों ने बकाया भुगतान से संबंधित मांगें भी रखीं लेकिन, अब तक कुछ नहीं हुआ.
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कहां-कहां हो रहा है स्कूल का संचालन
शहरी क्षेत्र: थड़पखना, हिंदपीढ़ी, गुदड़ी, हातमा, कांटाटोली, धुर्वा, बाजरा, मधुकम, पंडरा, बड़गांईं, एदलहातु, हिनु, पुंदाग, हरमू, पहाड़ीटोली, चुटिया, बुटी, कडरू
ग्रामीण क्षेत्रः इरबा, डहू, हरचंडा, बारिडीह, नामकुम, सिदरौल, बुनियादी, पिठौरिया, बोड़ेया, नगड़ी,बुंडू,
क्या है एनसीएलपी योजना
राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (National Child Labour Project -NCLP) 1988 में बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए शुरू की गई थी.
• इस योजना के तहत जिला स्तर पर कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में ‘जिला परियोजना समितियां’ स्थापित की जाती हैं, जो परियोजना के कार्यान्वयन की देखरेख करती हैं.
• इस योजना के तहत 9-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को बाल श्रम से हटाकर NCLP के विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में रखा जाता है, जहां उन्हें औपचारिक शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने से पहले ब्रिज शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, मध्याह्न भोजन, वजीफा, स्वास्थ्य देखभाल आदि प्रदान किया जाता है.
• 5-8 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को सर्व शिक्षा अभियान के साथ निकट समन्वय के माध्यम से औपचारिक शिक्षा प्रणाली से सीधे जोड़ा जाता है.
• बेहतर निगरानी और कार्यान्वयन के माध्यम से NCLP को सफल बनाने के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल ‘पेंसिल’ (बाल श्रम प्रतिषेध के प्रभावी प्रवर्तन के लिए मंच) (Platform for Effective Enforcement for No Child Labour-PENCiL) विकसित किया गया है.
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