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RANCHI NEWS : कुख्यात अपराधियों पर लगेगा CCA , बन रही सूची में इन क्रिमनल्स के हैं नाम

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Chandi Dutta Jha

Ranchi : राजधानी रांची में बढ़ते अपराध पर नकेल कसने को लेकर पुलिस विभाग ने सख्त तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए एसएसपी सुरेद्र कुमार झा ने एएसपी, हटिया, नगर और खलारी डीएसपी को निर्देशित किया है. इसको लेकर सभी डीएसपी पुराने से पुराने मामलों की जांच कर मोस्ट वांटेड, इनामी, हिस्ट्री शिटर अपराधियों, उद्रवादी और माओवादी की सूची बनाने में जुट गए हैं.

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इसमें तीन कैटेगरी ए, बी, सी में अपराधियों को शामिल किया जा रहा है. इसमें फरार अपराधी, जमानत पर निकले अपराधी और जेल बंद वैसे कुख्यात अपराधी को शामिल किया गया है. जो आदतन अपराधिक काम में लिप्त है. इसके बाद उक्त अपराधियों पर सीसीए लगाने की स्वीकृति मांगी जाएगी.

राजधानी रांची में अभी भी कुख्यात अपराधियों के कई गुट सक्रिय हैं. जो जमीन कारोबार, वसूली, मर्डर, लूट आदि मामलों में संलिप्त हैं. वहीं फरार चल रहे अपराधी पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर अपना काम सफाई के साथ पूरा करा रहे हैं.

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इन लोगों पर विशेष निगरानी

एसएसपी आए दिन हो रहे अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कुख्यात अपराधियों पर विशेष नजर रख रहे हैं. आकाश राम, शाहनवाज कुरैशी, इमरोज अंसारी, विशाल आनंद साहू, छोटन तुरी और बबलू खान पर सीसीए के तहत समर्पित प्रस्तावों का मॉनिटरिंग एवं संभावित प्रस्तावों पर विधिसम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया है.

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जानिये, क्या है क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए)

सीसीए दो प्रकार के होते हैं। 12 (2) सी और सीसीए (3)। 12 (2) सी में कुख्यात अपराधियों को जिला बदर करने का प्रावधान है. अपराधी एक दर्जन गंभीर मामले में शामिल हो, या एक साल में दो से तीन बड़े कांड किये हो. इसमें किसी कांड में अपराधी जमानत के लिए अर्जी दी हो. हाईकोर्ट में पुलिस द्वारा सीसीए के तहत आवेदन करने पर छह माह से एक साल तक अपराधी को जमानत नहीं देने का प्रावधान है.

पुराने मामले में मिली जमानत रद्द होगी

जमानत मिलने के बाद दोबारा अपराध में शामिल होने के साक्ष्य मिलते हैं तो पूर्व के मामले में मिली जमानत रद्द कराई जा सकती है. कानून में ऐसा प्रावधान हैं. इसके लिए पुलिस की ओर से जमानत रद्द करने के लिए अदालत से अपील की जाएगी. यदि ठोस साक्ष्य रखे जाते हैं तो पुराने केस में मिली जमानत रद्द की जा सकती है. ऐसा होने पर अभियुक्तों के लिए दोबारा जमानत लेना आसान नहीं होगा.

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