झारखंड में जारी ईडी की कार्रवाई को लेकर झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है। हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी द्वारा जारी समन और जांच को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है वहां केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर सरकार को अस्थिर किया जा रहा है।
06 Jan 2024
रांची : झारखंड में हेमंत सोरेन के करीबियों के ठिकानों पर ईडी की एक के बाद एक छापेमारी और समन भेजने को लेकर पक्ष-विपक्ष में वार-पलटवार का दौर जारी है। झारखंड में जारी ईडी की कार्रवाई को लेकर झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है।
हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं
अवैध खनन को लेकर हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी द्वारा जारी समन और जांच को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर सरकार को अस्थिर किया जा रहा है। झारखंड के अलावा बंगाल में भी ऐसा हो रहा है। ईडी को कोई प्रमाण नहीं मिल रहा है।
किसी के इशारे पर हो रही ED की कार्रवाई
उन्होंने कहा कि ईडी ने हालिया छापेमारी के बाद दावा किया है कि 36 लाख रुपये बरामद हुए, लेकिन ईडी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कहां से कितने रुपये मिले? इससे पता चल रहा है कि कार्रवाई किसी इशारे पर हो रही है। मई का महीना आ रहा है और लोग अब जवाब देने के लिए तैयार हैं।
नई पटकथा लिखी गई है…
सुप्रियो ने आगे कहा कि भाजपा द्वारा सरकार गिराने की प्रक्रिया कर्नाटक से शुरू हुई थी। झारखंड में भी वही प्रयोग किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। तब नई पटकथा लिखी गई और उसपर काम शुरू किया गया है। ऐसे लोग आज भी लगे हुए हैं। जनता को भ्रम में डालने की कोशिश हो रही है।
गांडेय उपचुनाव को लेकर वार-पलटवार जारी
गांडेय सीट रिक्त होने के बाद वहां उपचुनाव को लेकर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दबाव बढ़ाया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि भाजपा भ्रम फैला रही है। उनके सांसद को पता नहीं है। यह राज्यपाल पर निर्भर है कि वह कोई व्यक्ति को बुलाएं और शपथ ग्रहण कराएं। उसे छह माह के भीतर विधानसभा में चुनकर आना होगा।
भाजपा के सांसद महाराष्ट्र के जिस विधानसभा क्षेत्र की बात कर रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी उनके पास नहीं है। वहां चुनाव इसलिए रोक दिया गया था, क्योंकि उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार तय थी। सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा है कि लोकतंत्र को चलाने के लिए सदन में सदस्यों का होना आवश्यक है।