रांची। पूर्व मंत्री मध्य 86 यशवंत सिन्हा (यशवंत सिन्हा) एक और राजनीतिक पारी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी वफादारी के साथ बैठक में नई राजनीतिक पार्टी बनाने का निर्णय लिया। वह जल्द ही इस दिशा में पहले जाएंगे। तय हुआ कि प्रस्तावित पार्टी का नाम ‘अटल विचार मंच’ (अटल विचार मंच) रखा जाएगा। यशवंत सिन्हा वर्ष 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी वैष्णव कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन अब पार्टी में उनकी सक्रियता के बराबर नहीं है। हाल के आम चुनाव में मुख्य सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने बेटे जयन्त सिन्हा (जयंत सिन्हा) का टिकट दिया था। इसके बाद उन्होंने यहां भाजपा के गठबंधन बनाए गए मैनचेस्टर की सीधी मुखालफत की थी। सिन्हा ने यहां से कांग्रेस की ओर से चौधरी पटेल को समर्थन दिया था और उनके पक्ष में वोट की अपील भी की थी। हालाँकि कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा।
यशवंत सिन्हा (यशवंत सिन्हा) के कांग्रेस पार्टी के मोर्चा के बाद इस जिले में भाजपा के कई नेताओं ने अपना पक्ष रखते हुए मांग की कि पार्टी छोड़ दी गई है। ऐसे ही नेताओं के साथ यशवंत सिन्हा ने शहर की साकेतपुरी कॉलोनी में स्थित अटल भवन की बैठक की। बता दें कि इसी अटल भवन में भाजपा की विश्विद्यालय जिला इकाई का संयंत्र स्थापित किया गया था। इस भवन का मालिकना हक चाहत सिन्हा के पास है। लोकसभा चुनाव (लोकसभा चुनाव) के बाद उन्होंने यह भवन अपने कब्जे में ले लिया है। अब इसी भवन में प्रस्तावित नई पार्टी का मुख्यालय होगा। झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इसमें युवा सिन्हा कुछ पदों पर अपनी पार्टी के पद पर आसीन हो सकते हैं। दादा ने सिन्हा से खुद को मुख्यमंत्री सीट (हजारीबाग विधानसभा सीट) से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। अविश्वास सिन्हा विपक्ष संयुक्त सीट से तीन बार न्यूनतम और बिहार में क्रोमा विधानसभा सीट से नेता रह चुके हैं। केन्द्र में चन्द्रशेखर और अटल बिहारी बांगर की सरकार में वह वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।
वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी तीसरी सीट से यश सिन्हा को मैदान में उतारा था। यशवंत सिन्हा ने भी 2014 में पुत्र के न्यूनतम बनने के बाद राजनीति से अघोषित तौर पर बढ़त ले ली थी, लेकिन साल 2020 में वह एक बार फिर सक्रिय हो गईं। उन्होंने बिहार के कई द्वीपों का दौरा किया और ‘भारतीय सब लोग पार्टी’ नामक राजनीतिक दल भी बनाया। हालाँकि ‘भारतीय सब लोग पार्टी’ का प्रभाव नहीं छोड़ा। इसके बाद सिन्हा वर्ष 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी समाजवादी पार्टी कांग्रेस में शामिल हुईं। वर्ष 2022 में वह ऑर्थोटिक ऑर्किट्स की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार बने थे।
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