झारखंड की राजनीति में बुधवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। सियासी रस्साकशी के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में घंटों की पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इस बीच नए सीएम के नाम का भी एलान कर दिया गया। वहीं पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले खूब नाटकीय मोड़ देखने को मिला।
01 Feb 2024
रांची : झारखंड की राजनीति में बुधवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। सियासी रस्साकशी के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में घंटों की पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इस बीच नए सीएम के नाम का भी एलान कर दिया गया। वहीं, पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले खूब नाटकीय मोड़ देखने को मिला। ईडी के दसवें समन के बाद हेमंत सोरेन अचानक लापता हो गए थे। इस बीच ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास व झारखंड भवन में छापामारी की।
हेमंत सोरेन को लेकर हुए भाजपा-झामुमो
उधर, हेमंत सोरेन के अचानक लापता होने की खबर सुर्खियों में आते ही झारखंड की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा हमलावर हो गई। भाजपा नेता और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तो उनकी गुमशुदगी का पोस्ट अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर कर दिया और उनको पता लगाने वालों को इनाम देने का एलान कर दिया। मीडिया में जब बाबूलाल मरांडी का पोस्ट वायरल हुआ तो झामुमो भाजपा पर हमलावर हो गई। इन सबके बीच बावजूद हेमंत सोरेन का कोई पता नहीं लगा पाया था। हालांकि,जब ताबड़तोड़ एक्शन शुरू हुआ और ईडी को झारखंड सरकार की ओर से पूछताछ की तारीख जारी किया गया तो उसके अगले दिन हेमंत सोरेन रांची में प्रकट हुए। इसके बाद ताबड़तोड़ बैठकें की। इस दौरान झारखंड में लगातार सियासी हलचल बढ़ी रही।ऐसे में अब सिलसिलेवार तरीके से समझेंगे कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से झारखंड की राजनीति में उठापटक की कहानी कहां से शुरू हुई।
दोबारा पूछताछ के लिए ED ने लिखा था कड़ा पत्र
दरअसल, ईडी ने जमीन घोटाले में 20 जनवरी को करीब सात घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान जांच एजेंसी की पूछताछ पूरी नहीं हो पाई थी। इसके बाद ईडी की टीम ने झारखंड के पूर्व सीएम को पत्र लिखा था और 27 जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच तिथि और जगह बताने को कहा था। हालांकि, इस पर ईडी को बताया कि वो फिलहाल व्यस्त हैं और उन्होंने मार्च के बाद पूछताछ करने की जानकारी दी थी। इसके बाद ईडी ने एक बार फिर से उन्हें कड़ा पत्र जारी किया और लिखा कि समय और जगह बताएं नहीं तो ईडी अपने मुताबिक इस पर फैसला ले लेगी।
ईडी के इस कड़े पत्र के बीच ही हेमंत सोरेन दिल्ली रवाना हो गए। इसके बाद वह करीब 40 घंटे तक लापता रहे। ईडी की टीम उनके दिल्ली स्थित आवास और झारखंड भवन में छापामारी की। इस दौरान वहां पूर्व सीएम तो नही मिले, लेकिन इस बीच 36 लाख रुपये, बीएमडब्ल्यू कार और जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज बरामद की।हालांकि, ईडी की कारवाई के बीच जब हेमंत सरकार की ओर से पूछताछ को लेकर पत्राचार किया गया और 31 जनवरी को पूछताछ का समय दिया गया।
हेमंत सोरेन ED की पूछताछ से एक दिन पहले पहुंचे रांची
इसके बाद 30 जनवरी को दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब 40 घंटे बाद अचानक रांची पहुंचे। इस दौरान झामुमो और कांग्रेस के सभी विधायक रांची में ही मौजूद रहे। आते ही उन्होंने विधायक दल की बैठक की। इसके बाद उसी दिन रात में एक बार फिर बैठक की। इस दौरान झारखंड की सियासी गलियारों में कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं तेज रही। वहीं, शाम में हुई बैठक के दौरान सभी विधायकों से सादे पेपर पर हस्ताक्षर लिया गया। उधर, हेमंत सोरेन की पत्नी को जब मुख्यमंत्री बनने की चर्च शुरू हुई तो हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के बयान ने हड़कंप मचा दिया। इस दौरान उन्होंने यह कह दिया कि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं है।
हेमंत सोरेन को किया गया गिरफ्तार
31 जनवरी की सुबह से ही सियासी हलचल तेज थी। दोपहर एक बजे हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को रांची में ही ठहरने को कहा गया। पूरे रांची में सुरक्षा सख्त कर दिया गया। सीएम आवास के पास धार 144 लागू कर दिया गया था। जब 6 घंटे की पूछताछ पूरी हुई तो राजभवन से लेकर सीएम आवास तक हलचल तेज हो गई थी। उधर, जेएमएम-कांग्रेस के विधायक सभी राज्यपाल से मिलने का वक्त मांग रखा था।
इधर, जैसे ही विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे वैसे ही हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की चर्चाएं तेज गई। राज्यपाल से मिलने के दौरान झारखंड के नए सीएम चंपई सोरेन के नाम का एलान हो गया। उधर, हेमंत सोरेन राजभवन अपना इस्तीफा देने पहुंच गए। इस दौरान ईडी की टीम भी साथ रही। जैसे ही उन्होंने इस्तीफा दिया, वैसे ही ईडी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।