विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से दो मार्च तक निर्धारित है। इसे लेकर मंगलवार को विधानसभा में उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में सत्र के दौरान आने वाले विभिन्न विभागों से संबंधित सवाल और जवाब पर चर्चा हुई। स्पीकर रबींद्र महतो ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का सही और सटीक जवाब दें।
21 Feb 2024
रांची : स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने निर्देश दिया है कि अधिकारी विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का सही और सटीक जवाब दें। वह मंगलवार को अपने कक्ष में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से दो मार्च तक निर्धारित है। इस दौरान सदन में आने वाले विभिन्न विभागों से संबंधित सवाल और जवाब पर चर्चा हुई।
बैठक में ये सभी रहे उपस्थित
इस बजट सत्र में विधेयक के लिए दो मार्च निर्धारित है। निर्धारित समय से तीन दिन पहले जिन विधेयकों को सभा पटल पर रखा जाना है या विधेयक में संशोधन होना है उसकी प्रतियां सभा सचिवालय को उपलब्ध कराना है।
बैठक में मुख्य सचिव एल खियांग्ते, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मनीष टोप्पो के अलावे नगर आयुक्त अमित कुमार एवं विभागों के अन्य संबंधित वरीय पदाधिकारियों के अलावा प्रभारी सचिव झारखंड विधान सभा सैयद जावेद हैदर, उप सचिव विधान सभा हरेन्द्र कुमार साह उपस्थित थे।
शून्यकाल के 1935 सवालों में से 1255 के नहीं मिले उत्तर
स्पीकर ने कहा कि शून्यकाल के कुल 1935 में से 1255 उत्तर अब तक नहीं मिले हैं। विधायक विशेष परिस्थिति में शून्यकाल के सवाल डालते हैं। एक कार्यदिवस में 25 शून्यकाल स्वीकृत होते हैं, जबकि संख्या ज्यादा होती है। प्रश्नों का उत्तर लंबित होने पर एटीआर में इनका उल्लेख नहीं हो पाता है। अध्यक्ष ने विभिन्न समितियों के अप्राप्त उत्तरों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि विधानसभा जनसमस्याओं के निराकरण के लिए है।
सत्र के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध
स्पीकर ने बजट सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चुस्त करने के निर्देश दिए। विधानसभा जाने वाली सड़कों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने को कहा। सत्र के दौरान पर्याप्त चिकित्सकों की व्यवस्था के अलावा आवश्यक जीवन रक्षक दवा व एम्बुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया।