झारखंड में मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत अगर बच्चे मेडिकल इंजीनियरिंग एवं अन्य प्रवेश परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी करना चाहते हैं तो उन्हें झारखंड से ही दसवीं की पढ़ाई करनी होगी। दूसरे राज्यों के स्कूल से दसवीं उत्तीर्ण होने पर झारखंड का स्थानीय निवासी होने का प्रमाणपत्र देना होगा। फिलहाल योजना के क्रियान्वयन के लिए कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध करने का काम जारी है।
17 Jan 2024
रांची : मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं अन्य प्रवेश परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी के लिए झारखंड से दसवीं की पढ़ाई अनिवार्य किया गया है। दूसरे राज्यों के स्कूल से दसवीं उत्तीर्ण होने पर झारखंड का स्थानीय निवासी होने का प्रमाणपत्र देना होगा।
इन विद्यार्थियों को मिलेगा योजना का लाभ
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस योजना के संचालन के लिए एसओपी जारी कर दिया है, जिसमें इसका उल्लेख किया गया है। इस योजना का लाभ उन विद्यार्थियों को ही मिलेगा, जिनके माता-पिता का वार्षिक आय अधिकतम आठ लाख रुपये है। इसके लिए उन्हें अनुमंडल पदाधिकारी या अंचलाधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र जमा करना होगा। राष्ट्रीय एवं राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित परिवारों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
वेब पोर्टल के जरिए कर सकेंगे आवेदन
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग फिलहाल इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध करने की कार्रवाई कर रहा है। कोचिंग संस्थानों के चयन के लिए भी मानक शर्तें तय कर दी गई हैं। साथ ही विभाग इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वेब पोर्टल तैयार कर रहा है। विद्यार्थियों से वेब पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। बता दें कि इस योजना के तहत न केवल चयनित विद्यार्थियों की निशुल्क कोचिंग कराई जाएगी, बल्कि कोचिंग अवधि के दौरान प्रतिमाह ढाई हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
किस पाठ्यक्रम के लिए होगी कितनी सीट
इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए सीटों की संख्या तीन हजार, मेडिकल के लिए दो हजार, क्लैट के लिए एक हजार तथा मास कम्युनिकेशन, फैशन टेक्नोलाजी, होटल मैनेजमेंट में प्रत्येक के लिए 500 सीट निर्धारित की गई है। सीए तथा आइसीडब्ल्यूए के लिए भी 500 सीट निर्धारित की गई है।
दसवीं के अंक के आधार पर होगा चयन
निशुल्क कोचिंग के लिए विद्यार्थियों का चयन 10वीं के प्राप्तांक के आधार पर होगा। विद्यार्थियों के प्राप्तांकों के आधार पर बोर्ड लिस्ट तैयार होगा। कुल सीट के डेढ़ गुना से अधिक आवेदन आने पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अभ्यर्थियों का सत्यापन कर डेढ़ गुना विद्यार्थियों का पैनल तैयार करेगा। यह पैनल दो वर्षों तक मान्य हाेगा।