नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार यूजी चार साल का पाठ्यक्रम है। इसमें तीन साल में तो आनर्स की डिग्री मिल जायेगी। इसके बाद चौथे साल में टापर रहने वाले 10 प्रतिशत विद्यार्थियों को ही पीजी करने का प्रावधान है। इस कारण सभी विश्वविद्यालयों में ही पीजी को संचालित करने का निर्णय यूजीसी का है। विश्वविद्यालयों में पीजी के विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने में एक ही जगह पीजी को संचालित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसमें सभी कालेजों से पीजी की पढ़ाई को बंद करने का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में सारे विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव भी मांगा गया है। इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग में एक बैठक सभी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के साथ हो चुकी है।प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें सभी कालेजों से पीजी की पढ़ाई को बंद करने का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में सारे विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव भी मांगा गया है। इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग में एक बैठक सभी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के साथ हो चुकी है। इस प्रस्ताव को विभाग झारखंड सरकार को भेजने की तैयारी कर रहा है।इस प्रस्ताव में कालेजों में पीजी की पढ़ाई बंद कर अब एक ही जगह सारे विश्वविद्यालयों में इसकी पढ़ाई होगी। दरअसल यूजीसी के आदेश के बाद झारखंड सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी है।इस संबंध में कोल्हान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. राजेंद्र भारती ने कहा कि यूजीसी के निर्देश के अनुसार ही यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नियमों के आलोक में इस तरह का प्रस्ताव है। इसे लेकर बैठक भी उच्च शिक्षा विभाग में हो चुकी है। प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने के बाद ही यह राज्य में लागू हो पाएगा।
10 प्रतिशत विद्यार्थी ही करेंगे पीजी
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार यूजी चार साल का पाठ्यक्रम है। इसमें तीन साल में तो आनर्स की डिग्री मिल जायेगी। इसके बाद चौथे साल में टापर रहने वाले 10 प्रतिशत विद्यार्थियों को ही पीजी करने का प्रावधान है। इस कारण सभी विश्वविद्यालयों में ही पीजी को संचालित करने का निर्णय यूजीसी का है। विश्वविद्यालयों में पीजी के विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने में एक ही जगह पीजी को संचालित करने का निर्णय लिया गया है।