हम चाहे जितनी ही विकास और शिक्षा की बातें कर ले लेकिन सच्चाई यह है कि आज भी समाज में भेदभाव की स्थिति बनी हुई है। कुछ ऐसा ही नजारा रांची के ओरमांझी में देखने को मिला जहां एक आदिवासी परिवार को समाज ने इतना प्रताड़ित किया कि अब वह मजबूरन कानून से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
04 Jan 2024
ओरमांझी : समाज ने पहले नाबालिग का जबरन विवाह कराया और फिर दोनों पक्षों पर 25-25 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगा दिया। आर्थिक दंड नहीं देने पर गांव के गरीब स्वजनों को सरकारी कुएं व चापानल से पानी भरने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। जब पानी की समस्या हुई, तो पीड़ित परिवार अपने बाल-बच्चों के साथ न्याय के लिए थाना पहुंचे, तब मामले का पर्दाफाश हुआ।
समाज ने हर तरफ से आदिवासी पीड़ित परिवार को घेरा
घटना रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र के दड़दाग गांव की एक आदिवासी परिवार की है। समाज पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से लिखित शिकायत कर न्याय दिलाने की मांग की गई है। लड़के की मां मुनिया मुंडा द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, दड़दाग निवासी बिजय मुंडा के रिश्ते की एक युवती उसके घर आई हुई थी। 26 दिसंबर को समाज के लोगों ने बिजय मुंडा के बेटे से युवती का जबरन विवाह करा दिया गया। वहीं दोनों पक्ष से पैसे की डिमांड भी की गई थी। पैसे चुका नहीं पाने पर गांव में किसी से बातचीत करने व सरकारी कुएं व चापानल से भी पानी लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। मामला सलट होने की उम्मीद में स्वजन दूसरे गांव से पानी लाकर किसी प्रकार काम चला रहे हैं। इधर, समाज से भी बहिष्कार किए जाने की जानकारी मिलने पर पीड़ित परिवार काफी घबराए हुए हैं। वहीं पुलिस द्वारा कार्यवाई नहीं करने पर भी काफी निराश थे।
दोनों पक्ष में हुआ समझौता
ओरमांझी के थाना प्रभारी प्रमेश्वर उरांव ने बताया कि ओरमांझी थाना में दोनों पक्ष के बीच समझौता हो गया है। आधार कार्ड में युवती बालिग है। अब पीड़ित परिवार को पानी के लिए न कोई परेशान करेगा और न ही आर्थिक दंड लेगा।