रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं। वे राज्य के 12 वें मुख्यमंत्री हैं। लांग जद्दोजहद के बाद अंतिम गवर्नर सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण किया। इससे पहले गुरुवार रात 11 बजे राज्यपाल ने चंपी सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया था। चम्पी सोरेन ने शुक्रवार को 12 बज कर 20 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए एक गैर सरकारी समारोह का आयोजन किया। उनके साथ कांग्रेस नेता आलम जागीर आलम और राजद के इकलौते नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली।
सोलोमन की ज़मीन पर गिरफ़्तारी के बाद शनिवार की देर शाम को चम्पी सोरेन को प्रमुख दल का नेता चुना गया। उसी समय उन्होंने गवर्नर से मिल कर 43 बैच का समर्थन पत्र फिर से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लेकिन 24 घंटे से ज्यादा समय तक इंतजार करने के बाद गवर्नर ने गुरुवार देर रात 11 बजे उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया। शुक्रवार को शपथ ग्रहण के बाद सभी विधायक विशेष विमान से हैदराबाद चले गये। ब्रेक-फोड की आपदा को देखते हुए एलिजाबेथ को रेजिडेंट भेजा गया है।
शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राज्य सरकार के सचिवालय प्रोजेक्ट भवन क्षेत्र और दोनों मंत्रियों की साथ सचिवालय की पहली बैठक। करीब 20 मिनट की बैठक में फैसला लिया गया कि पांच और छह फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें सरकार बहुमत साबित करेगी। कैबिनेट की बैठक में बजट सत्र को रद्द करने का फैसला हुआ। क्लासिक है कि पहले नौ से 20 फरवरी तक बजट सत्र का आयोजन हो रहा था। लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है। बजट सत्र का आयोजन बाद में होगा। कैबिनेट बैठक में तीसरे फैसले में राजीव रंजन को फिर से महाधिवक्ता नियुक्त किया गया।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री चंपेई सोरेन ग़ाष्टमी के लिए निकल गए। सबसे पहले उन्होंने कहा- आज झारखंड में मुझे जो दायित्व मिला, यहां के सर्वांगियन विकास के लिए रसेल सोरेन ने जो काम शुरू किया है, उसे हमें पूरा करना है। जनता की आशा, डंके की चोट पर हम काम करेंगे। हमारी सरकार झारखंड के सभी वर्ग, समुदाय के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि रसेल सोरेन की सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है.