रांची:राजधानी के चर्च रोड में बाइक राइड क्लब ने रियाजुद्दीन रंगसाज को अलग-अलग रंगसाज के ऊपर मोर्टार से हमला कर हत्या कर दी, छोटू की गर्दन और पेट में गोली लग गई, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया। जहां आरोपियों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पुलिस के मृत व्यक्ति को गढ़वा में रहने वाले और अनावरण राँची के मौलाना आजाद कॉलोनी में पहचानकर छुपे हुए इलाके में रखा हुआ था और कांके, चांदवे इलाके में जमीन का कारोबार किया जा रहा था।
कौन है यूक्रेनी बजाना, अलग-अलग रंगसाज़, जानिए पूरी कहानी
मृतक की पहचान रियाजुद्दीन रंगसाज पलामू और गढ़वा जिले के मोस्ट वांटेड अपराधी के रूप में हुई है। इसके ऊपर पलामू और गढ़वा जिले के अलग-अलग थाने में कुल 30 मामले दर्ज थे।
गढ़वा बस स्टैंड के विराज को लेकर हुई छुट्टियाँ रंगसाज नी रियाजुद्दीन रंगसाज की हत्या, काई केस में था वांटेड
• पलामू में हुए वड़ोदरा खान के ऊपर बम से हुए हमले के मामले में वह मुख्य बोली थी।
•बसपा नेता की हत्या की हत्या में शामिल थे
•शैलेश केसरी हत्याकांड,
•गढ़वा का डबल हत्याकांड,
•पलामू के कारू सिंह हत्याकांड, •गढ़वा बस स्टैंड गोली कांड
इसके अलावा, डायनासोर हत्याओं से लेकर क्वार्टर रंगसाज का नाम भी है। बताया जाता है कि इनमें गढ़वा, पलामू जिले के अलावा बिहार और यूपी के भी सुपारी किलर शामिल हैं।
छोटू रंगसाज गढ़वा जिले में वर्ष 2000 से ही आपराधिक भूमिका में शामिल है। साल 2009 में एक बार जेल भी चुकानी पड़ी। 2010 में जेल से अरेस्ट के बाद कॉन्स्टैंटिव सिर दर्द हुआ। पिछले सात वर्षों से कई मामलों में बहरा चल रहा था। गढ़वा जिले के अलावा पलामू, राँची के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के छठा रंगसाज पर भी मामला दर्ज है।
विभिन्न रंगसाजों पर एकरार खां, इलाही खां, जटू खां सहित सात लोगों की हत्या के मामले, लूट और डकैती के दो अन्य मामलों से अधिक मामलों में अलग-अलग विवरण दर्ज हैं। कई मामलों में उसका भुगतान भी हो चुका है।
1994 में ओम अली सेना के लिए एमसीसी रॉकेट से लोहा लेने का काम किया गया था
1994 में एएमसीसी स्ट्रेंजली से लोहा लेने के लिए डीएम अली सेना का गठन किया गया था। कुछ साल बाद ही ओम अली की सेना टूट गयी। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आ गया। बीच-बीच में हत्या, लूट डकैती जैसे अपराध को अंजाम दिया गया। गढ़वा और पलामू के अलावा उनका एक सलाहकार राँची भी है।
डिक्शनरी सेल्स मैनेजर अंजनी कुमार सिन्हा हत्याकांड का भी बच्चा था
चतुर्थ कलरसाज डेकोरेटिव सेल्स मैनेजर अंजनी कुमार सिन्हा हत्याकांड का भी आरोप था। 18 जून 2022 को पलामू टाउन थाना क्षेत्र के रेडमा के इलाके में एक मोटर पार्ट्स कंपनी के सेल्स मैनेजर अंजनी कुमार सिन्हा,रांची की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।हत्या के ठीक एक साल बाद 18 जून 2023 को हत्याकांड के मुख्य बाजार रंगसाज को गिरफ़्तार कर राजभवन में भेज दिया गया था। एक वर्ष से अधिक समय तक गढ़वा के इलाके में रहना पड़ा। पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ गढ़वा कोर्ट में कोई मामला पेश होने वाला है। इसी सूचना के आलोक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसने पलामू और गढ़वा में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का निष्कर्ष निकाला था।
छोटे भाई की हत्या के डॉक्टर की हुई पहचान
पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले को बताया कि दोनों म्यूजिकल की पहचान मृतक छात्र की पत्नी ने की है। जिसकी पहचान मिंटू और साबिर के रूप में हुई है। दोनों म्यूनिसिपल की गिरजाघरों में पुलिस ने अलग-अलग संपत्तियों पर सामान रख रखा है। प्रतिद्वंद्वी को लेकर छोटू की फिल्मी अंदाज में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। लेकिन इस हत्या से राँची पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। जिस वक्त हत्या हुई है। महज़ कुछ ही दूरी पर पुलिस और आम जनता के बीच शांति है। समिति की बैठक भी हो रही थी।