झारखंड के राज्यपाल खरसावां के गोंडपुर में कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले बाढ़ सूखाड़ होता था तो फसल बीमा का लाभ सामूहिक रूप से किसानों को मिलता था लेकिन अब एक किसान की भी फसल बर्बाद हुई तो उसको भी लाभ मिल जाता है। पहले राज्यपाल मंत्री विधायक सहित सरकारी कर्मचारियों को पेंशन योजना मिलता था।
01 Jan 2024
सरायकेला : शहीद स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित करने से श्रद्धांजलि पूरी नहीं होगी, बल्कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि किस तरह किसानों को आगे बढ़ाए, उनके आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उक्त बातें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने खरसावां के गोंडपुर में कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सभी किसान संगठित होकर केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़े तभी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बन पाएगी। पहले बाढ़, सूखा पड़ता था तो फसल बीमा का लाभ सामूहिक रुप से किसानों को मिलता था, लेकिन अब एक किसान की भी फसल बर्बाद हो गई है तो उन्हें उक्त किसान को लाभ मिलता है। पहले राज्यपाल, मंत्री, विधायक, एसपी डीसी सहित सरकारी कर्मचारियों को पेंशन योजना का लाभ मिलता था, लेकिन अब किसानों को भी कृषि सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली राशि का लाभ मिल रहा है।
राज्यपाल ने कहा- किसान अब धूप-गर्मी से परेशान नहीं होंगे
राज्यपाल ने कहा कि किसान अब धूप व गर्मी से परेशान नहीं होंगे। ड्रोन की मदद से अपने खेतों में कीटनाशक व खाद का छिड़काव कर सकेंगे। कहा कि भले ही झारखंड को छोटा राज्य मानते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ को भी आदिवासी मंत्री देकर आदिवासियों का सम्मान बढ़ाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। केंद्र झारखंड की भी सभी मांगे पूरी कर रही है। रेलवे लाइन बिछाने, विद्युतीकरण करने आदि मांगे पूरी हो रही है।
आज से एक जनवरी का नया अध्याय जुड़ रहा- अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस माटी को आज के ही दिन यहां के किसानों, भूमिपुत्रों ने अपने खून से खींचा है। एक जनवरी को शहीद दिवस के रूप में 1948 की घटना के बाद लगातार श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हजारों लोग शामिल होते आ रहे हैं, लेकिन आज से एक जनवरी का नया अध्याय जुड़ रहा है। शहीदों के बहाए गए खून के माध्यम से किसान अपने खातों में फूल उगाएगे। इसी के तहत किसान मेला का आयोजन किया गया है ताकि प्रत्येक किसान कृषि क्षेत्र की जानकारी हासिल कर अपने अपने क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
पीएम मोदी की सरकार में बढ़ाया गया कृषि क्षेत्र का बजट
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले कृषि क्षेत्र का बजट 22 हजार करोड़ होता था, लेकिन अब एक लाख 15 हजार करोड़ का बजट कृषि क्षेत्र के लिए पास किया जा रहा है। किसान साल भर में सिर्फ एक ही फसल का उत्पादन कर पाते थे, लेकिन इस कृषि मेला में आने वाले किसान यह संकल्प लेकर जाएं कि अब वे अपने खेतों को पूरा साल हरा भरा रखेंगे। कहा कि राज्य सरकार पूरे झारखंड के किसानों की खेतों की मिट्टी जांच कराए ताकि मिट्टी की जानकारी किसानों को हो और वे उसी अनुरुप अपने खेतों में पूरा साल तरह तरह के फसलों की खेती कर सके।
अर्जुन मुंडा ने आगे यहा कहा कि किसानों को यह संकल्प लेना होगा कि जो फूल आज शहीद दिवस पर चढ़ाया गया है, वह अगली बार किसी ओर खेत का नहीं, अपनी खेत का होना चाहिए। 30 हजार महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि खेतों में ड्रोन का माध्यम से महिलाएं खेती कर सके। फसल बीमा का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। झारखंड में एपीओ की संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव को आदर्श गांव बनाना है, जिसके तहत बिजली, सड़क पानी की सुविधा गांव में होगी। उन्होंने कहा कि शहीद बेदी पर पहुंचने वाले झारखंड के पहले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बने हैं।
कृषि मेला में लगाए गए थे 130 स्टॉल
कृषि मेला में 130 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें 25 स्टॉल कृषि विज्ञान केन्द्र के विभिन्न जिला द्वारा लगाया गया था। स्टॉल में ड्रोन, ट्रैक्टर सहित खेती किसानी से जुड़े सभी प्रकार की जानकारी किसानों को दी जा रही थी। केंद्र सरकार ने दो दर्जन से अधिक कृषि वैज्ञानिक सहित कई कृषि क्षेत्र से जुड़े अधिकारी इस कृषि मेला में पहुंचे थे, जिन्होंने किसानों को उन्नत खेती व साल भर खेती करने के तरीकों की जानकारी दी।