झारखंड में पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर सभी जिले के सभी अल्ट्रासाउंड जांच केंद्रो को हर महीने की 5 तारीख को फॉर्म एफ जमा करना होगा। सभी जिलों के सिविल सर्जन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। वहीं ऐसा न करने वाले जांच केंद्राें के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही एक रेडियोलॉजिस्ट को दो अल्ट्रा जांच घरों में ही सेवाएं देने की अनुमति है।
पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर जिले के सभी अल्ट्रासाउंड जांच घरों को हर महीने की 5 तारीख को फॉर्म एफ जमा करने का निर्देश दिया गया है। फॉर्म जमा नहीं करने वाले जांच घरों को चिह्नित करके कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यालय रांची की ओर से धनबाद समेत सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया गया है। वही, वैसे अल्ट्रासाउंड जांच घरों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है, जिन्होंने लाइसेंस नहीं लिया है अथवा बिना लाइसेंस के चला रहे हैं।
फॉर्म एफ जमा करना है जरूरी
अल्ट्रासाउंड जांच घरों को फॉर्म एक जमा करना जरूरी है। इसमें अल्ट्रासाउंड जांच करने वाली गर्भवती महिला का नाम, पता और उसका मोबाइल नंबर दर्ज करना है। किस डॉक्टर की पर्ची पर वह अल्ट्रासाउंड जांच करने आई है इसे भी संलग्न करना है। किसी भी सूरत में लिंग परीक्षण रोकना फॉर्म एफ का काम है। मरीज की तमाम जानकारी अल्ट्रासाउंड मशीन में भी अपलोड करनी है।
2 से ज्यादा जगह पर नहीं बैठ सकते रेडियोलॉजिस्ट
इसके साथ ही एक रेडियोलॉजिस्ट को दो अल्ट्रा जांच घरों में बैठने की अनुमति है। इससे ज्यादा अल्ट्रासाउंड जांच घर में रेडियोलॉजिस्ट नहीं जा सकते हैं। ऐसे करने वाले रेडियोलॉजिस्ट पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।