आज NEET-UG मामले में फिर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है। सवाल यह है कि पावरग्रिड के वाहनों का भविष्य क्या है। ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द होगी और फिर से NEET-UG परीक्षा होगी? संभव है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार और एनटीए की ओर से हलफनामा दायर करने के बाद सील कवर में सीबीआई ने भी अपना एफिडेविट भी जमा कर दिया है। जानिए केंद्र और NTA ने अपने शपथ पत्र में क्या कहा है?
छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की है, उसमें NEET परीक्षा कराने और उचित जांच की मांग की गई है। सीजेआई दिवि चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की बेंच मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कणों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। केंद्र और एनटीए ने 5 मई को आयोजित परीक्षा में किसी भी तरह की व्यापक गड़बड़ी से इनकार कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने भी अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार और एनटीए ने हल्फनामा दाखिल किया था। केंद्र सरकार पहले ही कोर्ट को बता चुकी है कि वह NEET परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि पेपर लीक हुआ है
सोमवार को नीट मामले से जुड़ी 30 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और सीबीआई से कई सवाल पूछे थे। कोर्ट ने माना कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। यदि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, तो सोशल मीडिया से प्रश्नपत्र प्रसारित किया गया है, तो परीक्षा का आदेश हो सकता है। पीठ में शामिल न्या जेबी पारदीवाला और न्या मनोज मिश्रा ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। यदि हम मानवीय मूल्यों की पहचान नहीं कर पाते हैं तो पुनःपरीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि पेपर लीक का असर कितना था, इसी आधार पर दोबारा जांच का फैसला होगा। अदालत ने सरकार से कहा कि जांच लेकर क्या हुआ, इसे नाकामयाब नहीं किया जा सकता। मान लीजिए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करना चाहती है, लेकिन वह प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसके लाभ लेने वालों की पहचान कैसे करेगी?