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दिल्ली में ग्लानि से आई फ्लू का खतरा

नई दिल्ली . लोगों में आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली में अलग-अलग फ्लू के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या 20 फीसदी तक पहुंच गई है। पागलों का कहना है कि जुलाई महीने के आखिर तक आई फ्लू का पीक देखने को मिलेगा। ऐसे में लोग संक्रमण को लेकर सावधान रहते हैं।

सफदरजंग अस्पताल के नेत्र विभाग के डॉ. पंकज रंजन ने बताया कि इस मौसम में फ्लू होने की संभावना बढ़ जाती है। तापमान और तापमान आई फ्लू होने के लिए सबसे अनुकूल होता है। ओपीडी में आने वाले मरीजों की आंखों में लालीपन, पानी का आना, पलकों का चिपक जाना जैसे अन्य लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ओपीडी में ऐसे कर्मचारियों की संख्या 10 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जुलाई-अगस्त के अंतिम पीक देखने को मिलेगा। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के नेत्र विभाग के डॉ. शिखा जैन ने बताया कि बीते दिनों से अस्पताल में आई फ्लू (आँख आना) को लेकर आप विकसित है. ओपीडी में कर्मचारियों की संख्या 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आई फ्लू तेजी से एक-दूसरे में फैलता है। रोगियों को आई फ्लू होने पर सावधानियां बरतना जरूरी है।

उपचार

●आँखों में खुजली होने पर मसले नहीं.

●हमेशा साफ रुमाल का इस्तेमाल करें.

●काले चश्में का उपयोग करें.

● डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई भी दवा आँखों में न डालें।

●आंखों से धुंधला दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

‘स्कूल में तत्काल कदम उठाये जाएं’

चमड़े के उपकरणों को आई फ्लू (आँख आना) के संक्रमण से बचाने को लेकर शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को ऐहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में निदेशालय की स्कूल शाखा (स्वास्थ्य) ने गुरुवार को सर्कुलर जारी किया है। स्कूलों को दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन की कैंसर देखभाल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। आई फ्लू से बचाव और लक्षणों की सूचना स्कूल परिसर में देनी होगी।

इस तरह कर सकते हैं बचाव

1. साबुन या सेनेटाइजर से हाथों को साफ रखें।

2. आँखों को बार-बार न छुएं.

3. भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें.

4. आई फ्लू होने पर तैराकी न करें.

5. आँखों को साफ पानी से धोए.

6. संक्रमित व्यक्ति के कपड़े का इस्तेमाल न करें.

7. भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें