लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने मारवाड़ी समाज के जनकल्याणकारी कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज निर्माण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में मारवाड़ी समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। यह समाज निरंतर सेवा एवं परोपकार के कार्यों में अपने साधन एवं शक्ति का उपयोग कर रहा है।
श्री बिरला आज अपने निवास पर दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के प्रतिनिधियों के बीच डाॅ. श्याम सुंदर हरलालका द्वारा लिखित पुस्तक ’असम की मारवाड़ी जाति का इतिहास’ का लोकार्पण करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री लक्ष्मीपत भूतोड़िया, उपाध्यक्ष श्री एम. एल. बैद, सागोद-राजस्थान के पूर्व विधायक श्री हीरालालजी, तेरापंथ समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं साहित्यकार श्री पुखराज सेठिया, विद्या भारती दिल्ली के अध्यक्ष श्री सुखराज सेठिया, सुखी परिवार फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री ललित गर्ग, श्री विमल घोसल आदि उपस्थित थे। श्री बिरला ने समाज परिवर्तन और समाज सेवा का आह्वान करते हुए कहा कि व्यक्तिगत और समाजिक जीवन के साथ देश प्रेम की भावना भी विकसित होनी चाहिए।
समाज के समृद्ध वर्गों से अपील करते हुए श्री बिरला ने कहा कि समृद्धि के शिखर पर रहकर भी समाज कल्याण और सुचिता को अपनाकर समाज में आदर्श प्रस्तुत किया जा सकता है। मारवाड़ी समाज ने इस दिशा में प्रेरणा का काम किया है। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे कार्यों की समग्रता से विवेचना की गयी है जो प्रेरणा का काम करेगी।
दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री लक्ष्मीपत भूतोड़िया ने कहा कि 576 पृष्ठों की यह पुस्तक सुदूर असम प्रांत में मारवाड़ी समाज की भूमिका को प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक मारवाड़ी समाज के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और आने वाली पीढ़ी के लिए अमूल्य दस्तावेज के रूप में काम आएगी। श्री पुखराज सेठिया ने कहा कि न केवल असम बल्कि बंगाल एवं अन्य प्रांतों में मारवाड़ी समाज में अपने सेवा और परोपकार के कार्यों से एक आदर्श स्थिति को स्थापित किया है। श्री सुखराज सेठिया ने मारवाड़ी समाज की समाजोत्थान एवं मानव कल्याण की रचनात्मक एवं सृजनात्मक गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि मारवाड़ी समाज के द्वारा समाज निर्माण, आर्थिक विकास, शिक्षा, सेवा एवं जनकल्याण के अनेक विशिष्ट उपक्रम राष्ट्र-स्तर पर संचालित किये जा रहे हैं। पत्रकार एवं लेखक श्री ललित गर्ग ने डाॅ. श्याम सुंदर हरलालका की पुस्तक ने मारवाड़ी समाज के योगदान संरक्षित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका प्रदत्त की है। उन्होंने ऐसी ही अन्य प्रांतों की पुस्तकों के प्रकाशन की आवश्यकता व्यक्त की और कहा कि इसके लिए अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन को साहित्य प्रकाशन की ठोस योजना बनानी चाहिए। श्री एम. एल. बैद ने दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की गतिविधियों की जानकारी दी। प्रारंभ में श्री ओम बिरला का शाॅल प्रदत्त कर सम्मान किया गया।
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