नई दिल्ली . दिल्ली सरकार की अवधि पूरी तरह से 50 हजार रुपये की रियायती सोसाइटी को बेच दी गई। यह परिवहन विभाग की ओर से प्रस्तावित स्कूटर नीति में शामिल किया गया है। वित्त विभाग के लिए फाइल वित्त विभाग को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार का मकसद पूरी तरह से व्यापक समुदाय को सप्ताहांत से हटाने के लिए लोगों को अनुमति देना है। वर्ष 2021-22 में कुल 48.77 लाख लाख की अवधि में डी-रजिस्टर किया गया। उनमें से 83 हजार 240 वाहन मालिक ही एनओसी लेकर दिल्ली से बाहर चले गए और 4,923 सोसाइटी को जब्त करके लेने के लिए भेज दिया गया। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6.18 लाख लाख रुपये की डी-रजिस्टर की गई। इस साल 5.39 लाख लाख का शेयर एनओसी ने ले लिया और 1.35 लाख का शेयर बेच दिया। परिवहन विभाग ने दो वित्तीय वर्षों में 55 लाख से अधिक सोसाइटी को डी-रजिस्टर बनाया, जिसमें छह लाख से अधिक एनओएसएम और डी-रजिस्टर को शामिल किया गया।
वाहन स्वामी को ऐसी दी जाएगी राहत
आधिकारिक प्रस्तावों की समीक्षा तो यह रियायती ऑटोमोबाइल मशीनरी निर्माण ही नहीं होती है। वाहन उद्योग के बाद उसके मालिक को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जब वह नई गाड़ियां खरीदेगा तो उसे वहां प्रमाण पत्र दिखाना होगा, जिसके बाद उसे 50 हजार रुपये की छूट जारी की जाएगी। मगर सरकार चाहती है कि लोग ज्यादा से ज्यादा एकजुटता में बने रहें, जिससे पुराने सहयोगियों को 15 साल के लिए छोड़ दिया जाए। सैके.