दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की टर्मिनल-1 की फोरकोर्ट की छत शुक्रवार तड़के मूसलाधार बारिश में भर-भराकर ( IGI Airport roof collapsed) गिर गई। जिस कारण से एक कैब चालक की मौत हो गई। जिस समय यह हादसा हुआ। उस समय फोरकोर्ट के नीचे 200 लोग मौजूद थे। घटना के बाद करीब 80 उड़ानें रद्द हुईं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने हादसे पर दुख जताया।
आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल-1 के प्रस्थान क्षेत्र में छत गिरने की घटना का असर उड़ानों पर भी पड़ा। टर्मिनल-1 से प्रस्थान से जुड़ी करीब 100 घरेलू उड़ानों का संचालन होता है। यहां से संचालित होने वाली उड़ानों में दो तिहाई हिस्सा इंडिगो व स्पाइसजेट की उड़ानों का है।
हादसे के बाद टर्मिनल को किया गया बंद
घटना के बाद करीब 80 उड़ानें रद्द हुई हैं। हालांकि सभी एयरलाइंस ने रद्द उड़ानों के एवज में यात्रियों को किराया वापसी या यात्रा की तारीख को रीशेड्यूल करने का विकल्प प्रदान किया। टर्मिनल को इसलिए करना पड़ा बंद: एयरपोर्ट (IGI Airport) पर काम करने वाले एक कर्मी ने बताया कि छत एकाएक नहीं गिरी। यह धीरे-धीरे झुकी।
शेड अचानक गिरता तो कई गुना क्षति हो सकती थी-एयरपोर्ट कर्मी
फिर एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक झुकता चला गया। इस बीच यात्रियों की नजर ऊपर गई, वे जान बचाने को फोरकोर्ट से टर्मिनल बिल्डिंग की ओर भागे। उस समय करीब 200 लोग फोरकोर्ट पर मौजूद थे। कर्मी ने बताया कि यदि शेड अचानक गिरता तो अभी जो क्षति हुई है, उससे कई गुना क्षति देखने को मिलती।
एयरपोर्ट प्रबंधन को जब लगा कि शेड गिरने का खतरा अभी टला नहीं है, तब इसे पूरी तरह बंद करने में ही भलाई समझी गई। दूसरे, यदि टर्मिनल को बंद नहीं किया जाता तो मलबा हटाने में भी काफी परेशानी होती। हादसे के बाद टर्मिनल के बाहर व भीतर मची अफरातफरी से एयरपोर्ट का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ।
सभी को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी। प्रस्थान क्षेत्र के आसपास यात्रियों व विमान कर्मियों व एयरपोर्ट कर्मियों की आवाजाही को तत्काल रोक दिया गया। पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में लेकर बचाव कार्य शुरू किया गया। इस बीच सतर्कता बरतते हुए टर्मिनल-1 से प्रस्थान से जुड़ी सभी सेवाएं तत्काल रोक दी गईं।
यह रोक अगले आदेश तक के लिए है। डायल का कहना है कि यदि शनिवार तक टर्मिनल-1 पर व्यवस्था सामान्य नहीं होती है तो इस टर्मिनल की उड़ानों को रीशेडयूल कर टर्मिनल-2 या 3 पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।