किसानों का ‘दिल्ली कुटज’ आज, राजधानी की सभी सीमाएं सील

किसानों और केंद्र सरकार के बीच सोमवार आधी रात को चंडीगढ़ में बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि उनकी दिल्ली कुकीज रिलीज रहेगी. दिल्ली पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है. राष्ट्रीय राजधानी का नाम बदल दिया गया है। सोमवार से 30 दिन के लिए पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. कुंडली-सिंघु, टीकरी और हिमालय सहित सभी तीर्थस्थलों की किलेबंदी कर दी गई है।

किसानों के हित में दिल्ली के किसानों को देखते हुए दिल्ली और हरियाणा में शराबबंदी लागू कर दी गई है। दिल्ली के तीन प्रमुख बिंदु सिंघु, टीकरी, मसाले में आयरन और कंक्रीट के बैरिकेड लगाए गए हैं। कंटीले तार, खरीदार और पर्यटक मार्ग भी बंद कर दिए गए हैं।

दिल्ली के किसानों की घोषणा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग के दौरान दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर भारी जाम देखा जा रहा है। जाम के कारण वाहन रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रहे हैं, इससे ऑफिस वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों के दिल्ली कूज की घोषणा के बाद दिल्ली के फ्लोरिडा में स्थित कुछ स्किल्स ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ऑनलाइन मॉड में पढ़ाई का निर्णय लिया। स्कूल में पिज्जा मूड में क्लास नहीं लगेगी। सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडिंग होने की वजह से स्कूल के सामान और वैन को बच्चों के सामने लाने और छुट्टी में संकट की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

दिल्ली एयरपोर्ट ने जारी की एड्री की पेशकश

किसान मार्च को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से कहा गया है कि दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर आज से शुरू होने वाले किसान आंदोलन के कारण जीवंतता प्रभावित हुई है। कई बदलावों में बदलाव किये गये हैं. व्यावसायिक संचार के लिए यातायात प्रतिबंध और परिवर्तन 12 फरवरी से लागू हो रहे हैं। इसलिए समय-समय पर टर्मिनल 1 (टी1) के लिए मजेंटा लाइन या टर्मिनल 3 (टी3) के लिए एयरपोर्ट मेट्रो का उपयोग करना आसान हो जाता है।

किसानों की ये प्रमुख मांगे

स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार सभी फर्मों की कानूनी संस्था की मांग

किसानों और खेतों की कर्जमाफी की मांग

प्रभात खेडी में जान गंवाने वाले किसानों को साजि़श और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी आरोपियों को सजा की मांग की गई

10 लाख रुपये के प्लांट की मांग के मुताबिक, बेरोजगार हुए सभी किसानों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया

किसान आंदोलन के दौरान केस दर्ज कराने की मांग

पिछले आंदोलन में किसानों के सहयोगियों को नौकरी खोने वाले थे

200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले

700 रुपये प्रतिदिन की मांग

सफल बीमा सरकार खुद करे

किसान और मजदूर को 60 साल में 10 हजार रुपये प्रति मिल

विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर निकाला जाए

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