कड़ा . ग्रेटर वेस्ट के तुस्याना गांव में एक कमरे में साधु भाई चंद्रेश व राजेश, बहन बबली और चंद्रेश की पत्नी निशा का शव मिला हुआ है। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस दम घुटने से चारों की मौत का खतरा बनी हुई है। अंदर से गैस के प्लांट आ रही थी. पुलिस ने मौत के बाद लाश के सही सलामत जानकारी मिलने की बात कही।
सेक्टर ईकोटेक-3 प्लांट पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मूलरूप से 30 साल के सागर सिकंदराऊ के रहने वाले 30 साल के चंद्रेश अपने 28 साल की पत्नी निशा, 22 साल के राजेश भाई और 19 साल की बहन बबली के साथ तुस्याना गांव में पवन के मकान में किराए पर रहता था. चन्द्रेश जोमैटो में स्टोर बॉय की नौकरी करता था, जबकि राजेश परांठे की ठेली लगी थी।
कमरे में रसोई गैस के चूल्हे पर बड़े बर्तन में आलू जैसे थे. जो जलकर राख हो गए थे. पुलिस ने खतरे की आशंका जताई है कि परिवार के लोगों ने आलू के टुकड़े बनाने के लिए पराठे बनाए रखे होंगे। कमरे का आकार काफी छोटा था और गैस हवाई अड्डे का कोई रास्ता नहीं था। पुलिस दम से चारों तरफ जानलेवा हमला कर रही है। मकान मालिक के अनुसार चारों लोग रात सोए थे। पिछले तीन महीने पहले ही उनके मकान में बदलाव हुए थे।
मकान मालिक पवन ने शुक्रवार देर शाम पुलिस को सूचना दी कि उनके कमरे में गैस प्लांट का विघटन हो रहा है। सूचना पर पुलिस की टीम ने टिपर और डोर डोर रूम में देखा तो परिवार के सभी लोग मरे पड़े थे। पुलिस ने सामान को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में एक व्यक्ति की मृत्यु का सही कारण पता चल गया। पूरे प्रकरण की जांच जारी है। घटना की जानकारी मूर्तियों के अवशेषों को दिया गया। वहीं, इस घटना के बाद इलाके में शोक की लहर गिरी.
परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु तीन दिन पहले हुई थी। तीन दिन से कमरे में शव पड़े थे, लेकिन किसी को इसकी दहशत तक नहीं। पुलिस की जांच में पता चला कि मोबाइल की कॉल डिटेल में तीन दिन पहले मौत की बात सामने आ रही है। एक मृतक के मोबाइल पर 31 जनवरी को अंतिम कॉल हुई। इसके बाद मिस कॉल पोस्ट किए गए। इससे पता चलता है कि सभी की मौत तीन दिन पहले हुई थी।