ग्रेटर नोएडा में किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर नजर डालते हुए गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने 7 और 8 फरवरी के तहत धारा 144 लागू कर दी है। यहां 8 फरवरी को किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूज का लॉन्च कर दिया है। किसान संगठन अपनी निशानदेही के लिए कल गुरुवार को दिल्ली के लिए छुट्टी लेगा। किसान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बता दें कि किसान संगठन दिसंबर 2023 से ग्रेटर डेवलपमेंट अथॉरिटी अपनी जमीन के बदले में समर्थन और समर्थन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों का दावा है कि वो अपना विरोध प्रदर्शन कल गुरुवार 8 फरवरी को दिल्ली लेकर आएंगे। किसानों ने दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकाला। किसानों के स्वामित्व वाले मार्च ड्रावेरी में कुछ मात्रा में डायवर्जन किया गया है।
इसके साथ ही डायवर्जन की कई कलाकृतियां जारी की गई हैं। आज रिजॉल्यूशन में बड़ी संख्या में किसान अपनी हिस्सेदारी और निजी संपत्ति से लेकर ग्रेटर-नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफिस तक शामिल हैं।
किसान आंदोलन के आकर्षक लोगों को निर्देश
पुलिस ने ट्रैफिक में कुछ बदलावों के निर्देश भी जारी किए हैं, जिसमें किसानों के आंदोलन के यात्रियों के लिए शहरों में कुछ बदलावों की जानकारी दी गई है। विद्युत विभाग ने जनता को दादरी, तिलपता, सूरजपुर, पुर्तगाल-फतेहपुर और ग्रेटर के विभिन्न सड़कों पर परिवर्तन के बारे में बताया है। पुलिस ने एंटरप्राइज से बचने के लिए वैकल्पिक पंजीकरण के लोगो की सलाह दी है। ट्रैफिक से संबंधित जानकारी के लिए ट्रैफिक पुलिस का मोबाइल नंबर 9971009001 भी जारी किया गया है।
किसानों ने की पंचायत
मंगलवार को भी किसानों की हड़ताल जारी है। किसानों ने आठ फरवरी को दिल्ली कूज को सफल बनाने के लिए गांव-गांव ग्रामीण पंचायत की तैयारी शुरू कर दी। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर पहलवान ने बताया कि मंगलवार को सफ़राबाद, सोरखा, बहलोपुर, गढ़ी चौखंडी आदि में ग्रामीण पंचायतें आयोजित की जाएंगी। यहां किसानों की ओर से अपील की गई कि गुरुवार को दिल्ली स्थित संसद का चुनाव क्षेत्र में अधिक से अधिक संख्या में होने के लिए कहा जाए। दिल्ली कूज को सफल बनाने के लिए पार्टियाँ पूरी तरह से छोड़ दी गई हैं।
किसान नेताओं की चेतावनी
किसान संगठन अपने गठबंधन के समर्थन में 13 फरवरी को दिल्ली के लिए रैली करेंगे और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान यूनियन यूनियन ने कहा कि अगर 13 फरवरी तक किसानों की कंपनी नहीं बनी तो वे दिल्ली जाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने उनसे जो वादे किये थे वे अब तक पूरे नहीं किये गये। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार लाठीचार्ज से किसानों की आवाज उठाने की कोशिश ना करे.