छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अरसे से जमीन पर काबिज पात्र लोगों को भू-स्वामी का अधिकार दिया जा रहा है। इसी कडी में जांजगीर-चांपा जिले के विकासखंड सक्ती के ग्राम पतेरापाली निवारी श्री डोलप्रसाद बताते है कि उन्हें वर्षो से काबिज वन भूमि का मालिकाना हक मिल गया। भूमि से बेदखली का डर खत्म होने से अब वह पूरे परिवार के साथ बेफिक्र होकर खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा वनवासियों को उनका हक दिलाने तथा उनके जीवन यापन के लिए वन भूमि पर वर्षों से काबिज क्षेत्र का वन अधिकार पट्टा दिया जा रहा है। श्री डोलप्रसाद के परिवार में वर्षों से काबिज 0.182 हेक्टेयर भूमि का अब मालिकाना हक मिलने से खुशी का माहौल है।
श्री डोलप्रसाद ने बताया कि विगत 30 वर्ष से जिस भूमि पर खेती बाड़ी व मकान बनाकर कर रह रहे थे। राज्य सरकार ने उस भूमि का मालिक बना दिया है। जिस जमीन को हमने खेती, बाड़ी और रहने लायक बनाया उस पर अब हमारा का हक है। सरकार ने हमारा हक दिला दिया। श्री डोलप्रसाद ने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि जमीन का पट्टा मिलने से समाज में उनका सम्मान बढ़ा है। अब जमीन से बेदखली का डर नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्षों से काबिज भूमि सरकार के रिकार्ड में वन विभाग के नाम से दर्ज नहीं होने के कारण उन्हें बेदखली का भय रहता था। राज्य सरकार ने उन्हें वन अधिकार पट्टा देकर चिंता से मुक्त कर दिया है।
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