श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल एवं बस्तर जिला प्रशासन की ओर से “निरामय बस्तर” प्रोग्राम के अंतर्गत बच्चों में जन्मजात हृदयरोग जांच के लिए निश्शुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर के पहले दिन 25 बच्चों की जांच की गई। यह बच्चे दरभा, जगदलपुर, बकावंड, तोकापाल के दुर्गम क्षेत्र से आरबीएसके टीम के सहायता से जांच शिविर में पहुंचे, जिनकी आयु 11 महीने से लेकर 18 साल तक की है।
टेलीमेडिसिन द्वारा श्री सत्य साई हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजीस्ट विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य परामर्श किया। इस कार्यक्रम में विधायक रेखचंद जैन, महापौर सफीना साहू, सीएमएचओ डॉ. चतुर्वेदी, सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद और डीपीएम अखिलेश शर्मा जी उपस्थित थे।
चिकित्सकों ने बताया कि बच्चों में जन्मजात हृदयरोग एक गंभीर समस्या है। भारत में हर साल दो लाख बच्चे जन्मजात हृदयरोग के साथ पैदा होते हैं पर समय पर उपचार न मिलने के कारण अधिकांश बच्चों की मृत्यु हो जाती है। इस बीमारी के त्वरित निदान और उपचार के लिए श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल, नवा रायपुर, एवं बस्तर जिला प्रशासन के माध्यम से “निरामय बस्तर” यह विशेष प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जिसमें गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए भी प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
जन्मजात हृदयरोग मतलब दिल में छेद या दिल की रचना संबंधी समस्या, जो जन्म से ही मौजूद होती है। यह समस्या कई प्रकार की होती है – जिसमें सरल से लेकर काफी जटिल समस्या शामिल है।
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