पुलवामा हमले में शहीद जवानों, किसानों और उत्तराखंड हादसे में जान गवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई। किसान आंदोलन के दौरान शहीद 200 से अधिक किसानों की जान गई है, उन्हें याद किया गया।
भाकपा, माकपा, भाकपा( माले) लिबरेशन, वामपंथी जन संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा, सीटू, एटक, एक्टू, स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया, इप्टा, जनवादी लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ, आदिवासी मैत्री संगठन ने रविवार की शाम भिलाई के जेपी चौक में कैंडल जलाकर श्रद्धाजंलि दी।
भाकपा (माले) लिबरेशन के सचिव बृजेंद्र तिवारी, भाकपा सचिव विनोद कुमार सोनी, स्टूडेंट फेडरेशन के जयराज रेडडी ने देश के मौजूदा हालात पर विचार व्यक्त किए।
वक्ताओं ने कहा कि जवान देश की रक्षा में डटे हैं। वहीं, देश के अंदर मेहनतकश उद्योग और खेत की रक्षा में डटे हैं। देश के अंदर चल रहे मौजूदा संघर्ष खेतिहर समुदायों को बचाने, खाद्य सुरक्षा की गारंटी करने और जनता को कंपनी राज से बचाने के लिए है। किसानो का यह आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को बचाने का संघर्ष है।
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