दूरस्थ एवं पहंुचविहिन क्षेत्रों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना की शुरूआत 02 अक्टूबर 2019 को किया गया है, जिससे बाजार स्थल में ही ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल रहा है। प्रायः यह देखा जाता है कि ग्रामीण अपनी छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए बाजार वाले दिन को प्राथमिकता देते हैं। इसे दृष्टिगत करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा हाट-बाजार वाले स्थानों में आए ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने इस योजना की शुरूआत की गई है। शिविर प्रारंभ होने से लेकर अब तक कांकेर जिले में 64 हजार 617 मरीजों का उपचार हाट-बाजारों के क्लिनिक में किया गया है। जिले के सभी सातों विकासखण्डों के चिन्हांकित 56 हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका उपचार एवं दवाई का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा अब सभी सातो विकासखण्डों के लिए एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 28 जनवरी गोविंदपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना के लिए 8 एम्बुलंेस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया, सभी एम्बुलेंस अपने निर्धारित मुख्यालय में पहुंच चुके हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल उईके ने बताया कि जिले में अब तक 2756 शिविरों का आयोजन कर 64 हजार 617 मरीजों का उपचार किया गया एवं निःशुल्क दवाईयां दी गई। शिविर में सर्दी, खांसी, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा मलेरिया, टी.बी., एचआईव्ही, रक्तचाप, मधुमेह, रक्ताल्पता, कुष्ट रोग, नेत्र विकार, डायरिया सहित गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का टीकाकरण करने के अलावा स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देकर तथा इलाज कर उन्हें निःशुल्क दवाइयां दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत जिले के ऐसे ग्राम जहां हाट-बाजार लगते हैं तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कन्द्रों से दूर हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर ग्रामीणों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। जिले के चारामा, भानुप्रतापपुर, कांकेर, नरहरपुर, कोयलीबेड़ा, दुर्गूकोंदल और अंतागढ़ विकासखण्ड के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य अमला पहंुचकर शिविर लगाते हैं और मरीजों का उपचार कर उन्हें निःशुल्क दवाईयां दी जाती है एवं आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया जाता है।
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