राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के अंतिम दिन मंगलवार को कार्यकर्ता छूटे हुए बच्चों को घर-घर जाकर खुराक दे रहे हैं। 31 जनवरी से दो फरवरी तक प्रदेश समेत जिले में राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है। इसमें 31 जनवरी को बूथ में जबकि एक और दो फरवरी को छूटे हुए बच्चों को घर-घर जाकर पोलियो की खुराक दी जा रही है। इसके लिए रायपुर जिले में 3.42 बच्चों को अभियान के तहत दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया था।
इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि पल्स पोलियो की दो बूंद खुराक हमें जीवन के शारीरिक संघर्ष में मजबूत बनाती है। पोलियो से होने वाली हानि को रोकती है। सभी माताएं अपने शिशुओं को पोलियो बूथ तक लेकर जाएं और उन्हे दो बूंद जिंदगी की पिलवाकर मजबूत बनाएं। ग्राम चिचोली तिल्दा निवासी 36 वर्षीय महेश वर्मा ने अपने बच्चे को पोलियो की दवा पिलाई।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान को सफल करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी संचालित किया गया था। विशेष रुप में हाई रिस्क एरिया, रेलवे बस्ती, घुमंतु परिवार, ईंट भट्ठा, अर्बन स्लम आदि का चिन्हांकन एवं पल्स पोलियो के हितग्राही 0 से पांच वर्ष तक के बच्चों काे खुराक दी जा रही है।
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