छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का मंत्रिमंडल गठन होते ही कांग्रेस नेताओं के बीच बगावत सामने आई है। राजिम विधानसभा सीट से विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता अमितेश शुक्ला ने मंत्री ना बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि, ‘मेरा नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों में नहीं है. मेरा परिवार नेहरु-गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ जुड़ा रहा है। मैं उनसे हमेशा न्याय की उम्मीद करूंगा।’राजिम कांग्रेस के विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा मेरे साथ अन्याय हुआ है और न्याय के लिए दिल्ली आला कमान से मिलने जाउंगा।नेहरू परिवार के साथ तीन पीढ़ियों से संबंध है और मुझे उनसे न्याय की उम्मीद है और मैं वहीं गुहार लगाऊंगा। उन्होंने कहा मैं शहीद परिवार से हूं मेरे चाचा शहीद भी हुए हैं और मैं खुद एक सोल्जर हूं। इस फैसले से मैं ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोग और शुक्ल परिवार के लोग काफी निराश हुई है। ऐसा क्यों हुआ यह मैं खुद समझ नहीं पा रहा हूं। मैंने हमेशा पार्टी में ईमानदारी के साथ काम किया है और चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों से भी मैं ही विजयी रहा हूं। मंत्री बनना मेरा हक बनता है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में कुल 10 मंत्रियों ने शपथ ली है। अब तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि नवनिर्वाचित विधायक व पूर्व पंचायत मंत्री अमितेश शुक्ला को दोबारा कांग्रेस की नई सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।यह क्षेत्र ना केवल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है बल्कि प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक में अहम स्थान भी रखता है।
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