प्रदेश के 21 जिला अस्पतालों में कीमोथैरेपी और डे-केयर दीर्घायू यूनिट की सुविधाएं चार फरवरी तक है। इस दौरान कैंसर रोग के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों की आनलाइन जांच व परार्मश दिया जा रहा है। एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम की स्टेट नोडल डाक्टर सुमी जैन ने बताया कि ये सुविधाएं 22 जनवरी से चार फरवरी तक हर दिन दो जिलों में कैंप आयोजित कर दी जा रहीं है।
एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत जिला अस्पतालों में प्रशिक्षित चिकित्सकों के देखरेख में डेढ़ घंटे तक चलने वाली इस टेलीमेडिसीन में नए मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ ही पुराने मरीजों का फालोअप भी किया जा रहा है। टेलीमेडिसीन के जरिए डाक्टर पेंडारकर और डाक्टर त्रिपाठी जो भी सलाह देंगे, उन्हें स्थानीय स्तर पर मरीजों को दिया जाएगा।
इसके लिए यहां दवाइओं की व्यवस्था के साथ ही सारे साधन-संसाधन जुटा लिए गए हैं। गतवर्ष फरवरी महीने में डाक्टर पेंडारकर और डाक्टर त्रिपाठी द्वारा जिला अस्पतालों में शिविर लगाकर मरीजों का इलाज व परामर्श की सुविधाएं प्रदान की गई थी। इस वर्ष करोना संकट की वजह से आनलाइन माध्यम से ई-कैंप लगाया जा रहा है।
एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत राज्य के जिला अस्पतालों में संचालित दीर्घायु वार्ड के अंतर्गत 30 जनवरी को गरियाबंद व जशपुर में, चार फरवरी को सुकमा व नारायणपुर में , दो फरवरी को महासमुंद व जांजगीर में, तीन फरवरी को रायगढ व बालोद में और चार फरवरी को कांकेर जिला अस्पताल में ई कैंप के माध्यम से कैंसर मरीजों को ईलाज के लिए परामर्श प्रदान किया जाएगा।
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