छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक्शन में आ गए हैं. सीएम भूपेश बघेल ने रमन सरकार के द्वारा शुरू की गई मोबाइल वितरण योजना पर फिलहाल विराम लगा दिया है. रमन सिंह की सरकार ने इस प्रोजेक्ट को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट करार दिया था और उसे जनता के सामने पेश किया था. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार के दिन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक किया था और उसके बाद यह फैसला सामने आया.
इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में अफसरों से दो टूक कहा है कि सूबे में वीआईपी कल्चर की जरूरत नहीं है. सरकार सादगी से जनता की सेवा का काम करेगी. इसके अलावा हर जिले में जिला प्रशासन समस्याओं का निराकरण जल्दी करे. वहीं सरकार के इस फैसले पर बीजेपी अब नाराजगी जाहिर कर रही है और इस निर्णय को गलत बताया.
बता दें कि ‘संचार क्रान्ति योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने कहा था कि 45 लाख महिलाओं और 5 लाख युवाओं को मुफ्त में स्मार्ट फोन देगी. यह देश में अपने किस्म की ऐसी पहली योजना है, जिसके अंतर्गत 50 लाख लोगों को निशुल्क में स्मार्ट फोन देने का वादा किया था. जिसमें हर महीने एक जीबी डेटा और 100 कॉलिंग मिनट्स की निःशुल्क सुविधा देने की बात कही गई थी.बता दें कि राज्य में हुए चुनाव से पहले लगभग 30 लाख परिवारों को मोबाइल फोन का वितरण कर दिया गया था.
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