प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हुआ है,लेकिन मौत की संख्या कम नहीं हो रही है। 8 से 14 जनवरी के तक 79 मृत्यु हुई है। इसमें 71 प्रतिशत पुरूष और 23 प्रतिशत महिलाओं की मौत हुई है। राज्य स्तरीय डेथ ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 68 प्रतिशत मृत्यु कोमार्बिडिटी के कारण हुई, जबकि 32 प्रतिशत कोविड के कारण हुई। इसमें भी 60 वर्ष से अधिक उम्र में केस फेटलिटी दर 5.02 और 45-59 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में 2.38 सीएफआर दर्ज किया गया।समिति ने यह भी रिव्यू किया कि 27 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटों के अंदर ही हो गई। 9 प्रतिशत मरीज 48 घंटे के अंदर और14 प्रतिशत मृत्यु 2 से 3 दिनों के अंदर हो जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि लक्षण आने पर भी लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। सूरजपुर के 52 वर्ष के पुरूष को 1 जनवरी से बुखार ,सांस में तकलीफ हो रही थी। 6 जनवरी को जांच कराने के बाद पॉजिटिव आने पर अंबिकापुर अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के बाद भी स्वस्थ नहीं हो सका। मृत्यु 14 जनवरी को हुई । समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण उनकी मृत्यु हुई। इसी तरह रायपुर की 52 वर्षीय महिला को 2 जनवरी से बुखार, शरीर में दर्द,खांसी आदि की शिकायत थी,लेंकिन सांस फूलने पर 7 जनवरी को मेकाहारा में भर्ती हुई। इलाज के बाद भी बचाया नहीं जा सका। विशषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों को सर्दी,खांसी , बुखार, थकान आदि लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और कोरोना की जांच कराएं।
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