औषधीय गुणों से भरपूर ’काला हीरा’ याने कि ’मखाना’ की पाॅपिंग अब धमतरी जिले में मशीन से शुरू हो गई है। ध्यान देने वाली बात है कि सूखे मेवे, उपवास में भोजन के तौर पर उपयोग में लाए जाने वाले मखाना में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, विटामिन काम्प्लेक्स, फाइबर और एश होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें काफी कम मात्रा में शुगर होता है। यह दिल के मरीजों के लिए भी लाभदायक है। खुले बाजार में 600 से 800 रूपए किलो में मिलने वाले मखाने की खेती धमतरी में कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र में पिछले तीन सालों से की जा रही है। वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र डाॅ.एस.एस.चन्द्रवंशी बताते हैं कि मखाना की खेती जल भराव और दलदली भूमि में होती है। चूंकि धमतरी जिले का क्षेत्र निचली भूमि है, इसलिए यहां मखाना की खेती के बेहतर नतीजे मिलने की गुंजाईश को नकारा नहीं जा सकता। यह भी दिलचस्प बात है कि प्रदेश में सबसे पहले धमतरी जिले में मखाना की खेती की शुरूआत की गई।
इसके साथ ही मखाना की खेती का परीक्षण किसानों के खेतांे में किया जा चुका है और उन्हें समझाईश भी दी गई कि ऐसे खेत, जहां जल भराव अधिक होता है, वहां आसानी से ’काला हीरा’ उगाया जा सकता है। इसी समझाईश और ’काले हीरे’ की औषधीय गुणों को समझ बोड़रा के किसान श्री हरि ओम साहू द्वारा 2017-18 में अपने 75 डिसमिल खेत में मखाना की खेती की। यहां उत्पादित तकरीबन सात क्विंटल मखाना बीज को कृषि विज्ञान केन्द्र की मदद से बिहार और लुधियाना में बेचा गया। किसान श्री साहू को इससे 40 हजार रूपए का मुनाफा हुआ। हालांकि उस वक्त जिले में मैनुअल मखाना पाॅपिंग की जाती थी, इस वजह से कच्चे मखाना के बीज को बेचा गया।
More Stories
CGPSC Vacancy: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती का नोटिफिकेशन जारी, डिप्टी कलेक्टर और DSP समेत 246 पदों पर निकली वैकेंसी
छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 20 आरक्षकों का तबादला, जानिए किसे कहां मिली पोस्टिंग
छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन चुनाव की रूपरेखा तय, अगले महीने चुने जाएंगे जिला स्तर पर पदाधिकारी