हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मकर संक्रांति का पर्व पंजाब में लोहड़ी, दक्षिण भारत में पोंगल एवं उत्तर भारत में दक्षिणायन से उत्तरायण में मकर राशि में सूर्य देवता के प्रवेश करने का पर्व धूमधाम से प्रदेश मनाया जा रहा है। सुबह से मकर संक्रांति पर राजधानी में पुण्य सलिला खारून, दुर्ग में शिवनाथ राजिम में महानदी, बिलासपुर में अरपा, रायगढ़ में केलों, सरगुजा में सोन नदी एवं बस्तर में इंद्रावती के तट पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान के बाद मंदिरों में पूजा अर्चनाकर काला तिल सहित अन्य वस्तुओं का दान किया। प्राचीन मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के अवसर पर प्रदेश एवं देश की पुण्य नदियों में स्नान के साथ ही छह चीजों का दान करने से जहां जातक के घरों में अक्षय सूखों की प्राप्ति होगी वहीं सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ धीरे धीरे ठंड में कमी आएगी। रायपुर में पुण्य सलिला खारून में सुबह से ही भक्त पुण्य स्नान के साथ ही तिल जौ, आदि का दान का मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से एक दूसरे को तिल का लड्डू खिलाकर मनाएंगे। महाराष्ट्रीयन समाज द्वारा इस अवसर पर शहर एवं प्रदेश के अनेक शहरों एवं ग्रामों में तिल लड्डू के खानपान के साथ ही हल्दी कुमकुम का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी मकर संक्रांति को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि का संबंध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। आमतौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है, इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
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