मंत्री जी हम लोग गोठान में काम करते हैं। बाड़ी से सब्जी भी उगाते हैं। बाड़ी के लिए पानी की व्यवस्था करा दीजिए। मनरेगा में कनवर्जेंस करा दीजिए। हम लोग आपकों सब्जी खिलाएंगे। गांव की महिलाओं की इन बातों को सुनकर मंत्री जी मुस्कुराए और बोले, कौन से गांव के हो आप लोग? महिलाओं ने बताया आरंग विकासखण्ड के टेकारीकुण्डा के। मंत्री जी बोले मैं तो अक्सर अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करता रहता हूं। सभी लोगों से मिलता रहता हूं। घर भी जाता रहता हूं। इतने दिन हो गए आप लोग गांव के आसपास ही मुझसे क्यों नहीं मिले ? मंत्री जी की बात सुन गांव की महिलाएं कुछ देर शांत हो गई, फिर एक ने कहा कि आपसे बहुत दिन से मिलने की सोच रहे थेेे, इसलिए आज आपके घर आ गए। मंत्री ने कहा चलो कोई बात नहीं आज आए हो तो चाय पीकर, खाना खाकर जाना, बाड़ी की सब्जी जब आपके गांव आऊंगा तो खिलाना। यह कहते हुए आखिरकार उन्होंने गांव के सरपंच और आरंग जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को फोन लगाया और गांव की महिलाओं की मांगों को पूरा करने के निर्देश दिए।
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