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राज्य में इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने कराया पंजीयन

छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महापर्व एक दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है। राज्य में इस साल धान बेचने के लिए 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिनके द्वारा बोये गए धान का रकबा 27 लाख 59 हजार 385 हेक्टेयर से अधिक है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों के चलते दो सालों के दरमियान खेती-किसानी के रकबे और किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है। दो सालों में धान बेचने वाले किसानों का रकबा 19.36 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.68 लाख हेक्टेयर और किसानों की संख्या 12 लाख 6 हजार बढ़कर 18 लाख 38 हजार हो गई है। इस प्रकार देखा जाए तो रकबे में 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर तथा किसानों की संख्या में 6.32 लाख बढ़ोत्तरी हुई है। इस साल धान बेचने के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 21.29 लाख से अधिक और धान पंजीयन का रकबा 27.59 लाख हेक्टेयर के पार पहुंच गया है। 

 वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर 56.85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। दो सालों के दौरान धान खरीदी का यह आंकड़ा 83.94 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। इस साल धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या और धान की रकबे को देखते हुए समर्थन मूल्य पर बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है। इसको लेकर राज्य शासन द्वारा हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। धान उपार्जन के लिए बारदाने की कमी के बावजूद भी सरकार इसके प्रबंध में जुटी है। धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सहूलियत को लेकर सभी व्यवस्थाएं की जा रही है।

 छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2018-19 में 15.71 लाख किसानों से 80.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। वर्ष 2019-20 में 18.38 लाख किसानों से 83.94 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई थी। राज्य में दो सालों में पंजीकृत किसानों की तुलना में धान बेचने वाले कृषकों के प्रतिशत में भी बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017-18 में 76.47 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश की बागडोर संभालते ही वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 92.61 प्रतिशत हो गया है। बीते विपणन वर्ष 2019-20 में राज्य में 94.02 प्रतिशत किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा था।